सृजन ने डकार लिए पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय
जिले में पंचायत प्रतिनिधियों वार्ड सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, प्रमुख, उप प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों को मानदेय व भत्ता नहीं मिल रहा है।
भागलपुर। जिले में पंचायत प्रतिनिधियों वार्ड सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, प्रमुख, उप प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों को मानदेय व भत्ता नहीं मिल रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार से जिला परिषद में आई मानदेय व भत्ता की राशि सृजन के खाते में चली गई है। जिप सदस्यों सहित दूसरे जनप्रतिनिधियों ने डीएम से मांग की है कि मानदेय व भत्ता वितरण की व्यवस्था जिला परिषद से न कराकर पंचायत कार्यालय से कराई जाए।
जिला परिषद अध्यक्ष अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह ने कहा है कि जून 2016 में त्रिस्तरीय पंचायती राज का गठन होने के बाद किसी भी पंचायत जन प्रतिनिधियों को मानदेय नहीं मिला है। इसके पूर्व के कार्यकाल के प्रतिनिधियों को भी आठ माह का मानदेय व भत्ता नहीं मिला है। जिप सदस्य गौरव राय ने कहा कि निकट भविष्य में होने वाली बैठक में सदन से इसका हिसाब लिया जाएगा कि किस वर्ष प्रतिनिधियों के लिए कितनी राशि आई और कितना वितरण हुआ। राय ने कहा कि वे गत सदन के भी सदस्य रहे हैं। पिछले कार्यकाल की भी राशि उनलोगों को नहीं मिली है। गौरव ने कहा कि गत दिसंबर माह में विकास मद में जिला परिषद को दस करोड़ रुपये आई थी, जो खर्च नहीं हुई है। अब यह राशि सृजन में गई या सरकारी खाते में है, यह बताने वाला कोई नहीं है। सबौर के पूर्व पंचायत जनप्रतिनिधि प्रदीप कुमार का मानना है कि मानदेय व भत्ता मद में जिले को प्रतिवर्ष डेढ़ करोड़ से अधिक की राशि आती है। यह जांच का विषय है कि इस राशि का सही उपयोग हो रहा है या नहीं।
उधर, सबौर लोदीपुर पंचायत के सुमन कुमार वाजपेयी, छंगुरी शर्मा, मो. जैनुल, मीरा देवी, तसलीमा बेगम, आयशा खातून, सावित्री देवी, मीना, रानी देवी, राजू पासवान, बीबी यासमीन व प्रमिला देवी ने डीएम को ज्ञापन देकर पुराने जनप्रतिनिधियों का आठ महीने का मानेदय का भुगतान जल्द कराने की मांग की है। जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि भुगतान की व्यवस्था को डीडीसी के अधीन से हटाकर जिला पंचायत राज कार्यालय में रखा जाए। ज्ञापन में डीएम से मामले की जांच कराने की मांग की गई है।