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भागलपुर को अशांत करने में जुटा 'पीएफआइ'

भागलपुर [बलराम मिश्र ] सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील माने जाने वाले भागलपुर समेत सूबे के विभिन्न इल

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 03:00 AM (IST)
भागलपुर को अशांत करने में जुटा 'पीएफआइ'
भागलपुर को अशांत करने में जुटा 'पीएफआइ'

भागलपुर [बलराम मिश्र ]

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सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील माने जाने वाले भागलपुर समेत सूबे के विभिन्न इलाकों को अशांत करने में पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) नामक संगठन जुटा हुआ है। खास वर्ग के युवाओं को उकसाकर यह राष्ट्र विरोधी कार्यक्रम का हिस्सा बना रहा है। धार्मिक और सांप्रदायिक मामलों में तनाव बढ़ाने के लिए साजिश रच रहा है। कई राज्यों में सांप्रदायिक तनाव फैलाने में संलिप्तता पाए जाने के कारण झारखंड सरकार ने संगठन को इसी साल 20 फरवरी को प्रतिबंधित कर दिया है।

सांप्रदायिक रुप से अति संवेदनशील जिलों समेत सूबे के विभिन्न इलाकों में तेजी से पांव पसारने की सूचना मिलते ही आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के आइजी ने भागलपुर समेत अन्य जिलों के एसएसपी को पत्र भेजकर सतर्क किया है। बताया गया कि संगठन के सदस्य विभिन्न तरीके से फंडिंग कर नेटवर्क को सक्रिय करने में लगे हुए हैं। इस सूचना के बाद पुलिस मुख्यालय सतर्क हो गया है। गौरतलब है कि भागलपुर का चंपानगर व नाथनगर हाल ही में सांप्रदायिक तनाव से गुजरा है। ऐसे में इन इलाकों में संगठन की गतिविधि सुरक्षा को लेकर अच्छे संकेत नहीं है। राष्ट्र विरोध गतिविधियों के लिए इकट्ठा करता है फंड

आतंक निरोधक दस्ता ने बताया कि पीएफआइ राज्य के विभिन्न जिलों में राष्ट्र विरोधी कार्यक्रम और अपने संगठन का प्रचार-प्रसार करने में लगा हुआ है। राष्ट्र विरोधी कार्यक्रम के लिए हफ्ते के खास दिन धार्मिक स्थल और विशेष माह में घर घर जाकर फंड इकट्ठा करने के लिए बैनर पोस्टर लगाकर धर्म के नाम पर चंदा वसूलता है। फंडिंग के लिए तरह-तरह के तरीके अख्तियार करता है। जिसमें नए सदस्यों के लिए सदस्यता शुल्क, सदस्यों से वार्षिक सदस्यता शुल्क, ऑनलाइन फंडिंग पद्धति आदि प्रमुख हैं। राज्य में संगठन की मजबूती के लिए इसकी केंद्रीय समिति फंड की व्यवस्था करती है।

फंडिंग की जानकारी जुटाने का निर्देश

एटीएस ने पुलिस कप्तानों को अलर्ट जारी करते हुए अपने अधीनस्थ थानेदारों को निर्देश जारी करने को कहा है। एटीएस ने कहा कि है कि संगठन फंड की व्यवस्था कैसे कर रहा है, इसे समझने की जरूरत है। उसकी गतिविधि समेत अन्य जानकारियों से भी अवगत कराना है। अगर जिले में कहीं फंडिंग हो रही है तो उसपर वैधानिक और निरोधात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।


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