बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बुजुर्गों पर बरसेगी विशेष कृपा जिला प्रशासन ने बनाई ऐसी योजना
कोसी और गंगा में आई बाढ़ से अभी तक 21 पंचायतों के 44 गांव बाढ़ प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।
भागलपुर, जेएनएन । बाढ़ प्रभावित इलाकों में ऐसे तो प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह मुकम्मल कर दी गई है, लेकिन इस बार इलाकों में फंसे बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं पर प्रशासन की विशेष कृपा रहेगी। इनके खानपान से लेकर रहने तक के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अलग से अधिकारियों को भी इनकी देखरेख के लिए तैनात किया गया है।
इस बार कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले बुजुर्गों के लिए विशेष व्यवस्था की है। व्हील चेयर व स्ट्रेचर की व्यवस्था रेडक्रास सोसाइटी की ओर से की गई है। राहत शिविरों में इनके रहने के अलग से व्यवस्था की गई है। जिले में दो लाख 57 हजार 181 रजिस्टर्ड बुजुर्ग हैं, जिन्हें बिहार राज्य वृद्धजन पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, बिहार राज्य निशक्तता पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निश्क्तता पेंशन एवं लक्ष्मी बाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ मिल रहा है। ऐसे बुजुर्गों की सूची जिला प्रशासन की ओर तैयार कर प्रखंडों में भेजा गया है और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया है।
44 गांव बाढ़ प्रभावित
कोसी और गंगा में आई बाढ़ से अभी तक 21 पंचायतों के 44 गांव बाढ़ प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। बाढ़ से अभी तक 47 हजार 275 लोग प्रभावित हुए हैं। 15 हजार 43 हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान हुआ है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के आवागमन के लिए 56 नावों का परिचालन किया जा रहा है। सात हजार 493 परिवारों को सूखा राशन वितरण किया गया है। जिला प्रशासन ने सभी सीओ को जरूरत के अनुसार नावों का परिचालन कराने का निर्देश दिया है। बाढ़ और राहत से संबंधित जानकारी सरकार को भेजी गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु चारा और पशु चिकित्सकों की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। आपदा शाखा के प्रभारी ने जिले के सभी सीओ को पत्र भेजकर पशुपालन पदाधिकारी को पशु चारा वितरण और पशु चिकित्सा शिविर संचालित करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कहा गया है कि बाढ़ के चलते कुछ क्षेत्रों में पशु भी प्रभावित हो रहे हैं। उन्हेंं पशु चारा उपलब्ध कराना होगा।