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राष्ट्रीय खेल दिवस : एक गांव ऐसा भी... जहां खेत-खलिहान में वॉलीबाल कोर्ट और गेंद पर पंच मारतीं लड़कियां Bhagalpur News

वॉलीबाल की नर्सरी के नाम से विख्यात बिहपुर के सोनवर्षा गांव की बेटियां पढ़ाई के साथ खेल के मैदान में भी मुकाम हासिल रह रही हैं। महिला सशक्तीकरण की मिसाल कायम कर चुकी हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 10:53 AM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 02:08 PM (IST)
राष्ट्रीय खेल दिवस : एक गांव ऐसा भी... जहां खेत-खलिहान में वॉलीबाल कोर्ट और गेंद पर पंच मारतीं लड़कियां Bhagalpur News
राष्ट्रीय खेल दिवस : एक गांव ऐसा भी... जहां खेत-खलिहान में वॉलीबाल कोर्ट और गेंद पर पंच मारतीं लड़कियां Bhagalpur News

भागलपुर [मिथिलेश कुमार]। खेत-खलिहान में वॉलीबाल कोर्ट और गेंद पर पंच मारतीं लड़कियां। गांव की यह तस्वीर चौंका सकती है, पर बीस साल पहले की एक पहल ने आज इसे इस मुकाम पर पहुंचा दिया है कि वॉलीबाल यहां की धड़कन में समा चुका है।

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बिहार के भागलपुर जिले के बिहपुर का सोनवर्षा गांव। गांव में ही जगह-जगह कोर्ट पर वॉलीबाल खेल रहीं दर्जनों लड़कियां एक नए भारत की तस्वीर है। इसी गांव के वेदानंद कुंवर ने बीस साल पहले पूर्व बिहार को पहली बार एक महिला वॉलीबाल टीम दिया था। इसके बाद सूबे के अन्य जिलों में भी महिला खिलाडिय़ों का कारवां बनता चला गया।

पहली बार महिला टूर्नामेंट

वेदानंद कुंवर ने मैदान में अपनी पोतियों को उतारा। तब के ग्रामीण परिवेश के लिए यह बड़े साहस का काम था, पर तमाम टीका-टिप्पणी को दरकिनार कर वे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते गए। उनकी चार पोतियों में पूजा पूजा, आरती, मनीषा व तनुजा थीं। 1999 में गांव में पहला वॉलीबाल टूर्नामेंट हुआ। इसके बाद एक टीम बनी। इस टीम में गांव के ही मिथिलेश झा की पुत्री सपना, भागलपुर की रीतिका मालाकार आदि भी थीं।

हार के बाद लगातार जीत

भागलपुर जिले की यह पहली महिला टीम पहला टूर्नामेंट खेलने हजारीबाग गई। हालांकि, टीम पराजित होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई। वेदानंद कुंवर ने तब टीम से कहा था कि वे जीतने नहीं, उच्चस्तरीय खेल का प्रदर्शन देखने आए थे। अब पराजित नहीं होना है। आगे ऐसा ही हुआ। उनकी पोती पूजा की कप्तानी में टीम 2000 से 2010 तक लगातार राज्य चैंपियन बनी रही। राज्य के तत्कालीन खेलमंत्री मोनाजिर हसन ने पूजा और वेदानंद कुंवर को सम्मानित भी किया था। पूजा 2000 से 2008 तक बिहार राज्य महिला वॉलीबाल टीम की कप्तान भी रहीं।

बेटियों पर गर्व

पूजा, अर्चना, मनीषा व तनुजा के पिता अरुण कुंवर कहते हैं कि उन्हें गर्व होता है, जब लोग उन्हें बेटियों के कारण पहचानते हैं। इनकी प्रतिभाओं को निखारने में भागलपुर के वॉलीबाल कोच अजय राय और नीलकमल राय का भी योगदान रहा। सोनवर्षा की लड़कियों को वॉलीबाल खेलता देख बिहपुर, रन्नूचक-मकंदपुर, खरदौरी और बांका की लड़कियों ने भी इसकी शुरुआत की।

कारवां बढ़ता गया

वेदानंद कुंवर के बाद सोनवर्षा के ही पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी नीलेश कुमार ने इस कारवां को आगे बढ़ाया। उन्होंने अपनी पुत्री खुशी और प्रेरणा के साथ-साथ गांव की मुस्कान, निधि, सताक्षी आदि को प्रशिक्षित कर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मदद की। नीलेश बताते हैं कि खुशी बिहार राज्य सब जूनियर और प्रेरणा 25वें राष्ट्रीय मिनी वॉलीबाल प्रतियोगिता के लिए बिहार टीम की कप्तान रही है। मुस्कान, निधि व सताक्षी समेत अन्य लड़कियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया। आज इनमें कई सरकारी सेवा में हैं। सोनवर्षा के लोगों में वॉलीबाल के प्रति ऐसी दीवानगी है कि यहां एक-दो नहीं बल्कि सभी स्कूल मैदान, यहां तक कि खेत-खलिहानों में भी वॉलीबाल के कोर्ट बने हैं। बेटियों को प्रोत्साहित करने में न सिर्फ परिवार, बल्कि बल्कि पूरा गांव जुटा रहता है।

महिला सशक्तीकरण की मिसाल

वॉलीबाल की नर्सरी के नाम से विख्यात बिहपुर के सोनवर्षा गांव की बेटियां पढ़ाई के साथ खेल के मैदान में भी मुकाम हासिल रह रही हैं। अपनी प्रतिभा के दम पर कई बेटियां सरकारी नौकरी हासिल कर महिला सशक्तीकरण की मिसाल कायम कर चुकी हैं। अरूण कुंवर की बेटियां भागलपुर ही नहीं बल्कि राज्य महिला वॉलीबाल टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। यह सफर तय कर इनकी बेटी पूजा अभी पुलिस विभाग में, आरती और तनुजा शिक्षिका और मनीषा पटना सचिवालय में सेवा दे रही हैं।

स्व.कमलकिशोर राय की पुत्री पूनम व राजकिशोर कुंवर की नतिनी नीतू भी सरकारी सेवा में हैं। बिहपुर की पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी कंचनमाला किरण ने भी खेल के दम शिक्षिका की नौकरी हासिल की थी। इनके अलावा प्रखंड की कई महिला खिलाड़ी इस समय सरकारी सेवा में हैं। बिहपुर समेत नवगछिया पुलिस जिले में अभी कई महिला खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवा रही हैं। इसमें सोनवर्षा के पूर्व राष्ट्रीय वॉलीबाल खिलाड़ी सह प्रशिक्षक नीलेश कुमार का बड़ा योगदान है। नीलेश बताते हैं कि अपनी दो बेटियों के साथ गांव की अन्य बेटियों को भी प्रशिक्षित कर रहे हैं। उनकी बेटी खुशी बीए और प्रेरणा वर्ग आठ की छात्रा है। खुशी बिहार राज्य सब जूनियर व प्रेरणा 25वीं मिनी वॉलीबाल प्रतियागिता के लिए बिहार टीम की कप्तान रह चुकी है। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी संजय कुंवर की पुत्री मुस्कान, स्व.कौशलकिशोर कुंवर की पुत्री निधि व कारे कुंवर की पुत्री सताक्षी समेत सोनवर्षा की अन्य कई महिला खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा का डंका बजा रही हैं।

हरियो की ज्योति पहली बार कबड्डी खेल में सनसनी बनकर उभरीं

बिहपुर के हरियो गांव के किसान व्यास प्रसाद ङ्क्षसह की पुत्री ज्योति ङ्क्षसह पहली बार कबड्डी खेल में सनसनी बनकर उभरी। नेशनल कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेने वाली ज्योति भागलपुर जिले से पहली महिला कबड्डी खिलाड़ी हैं। कबड्डी संघ के सचिव गौतम कुमार प्रीतम बताते हैं कि ज्योति इस समय निजी स्कूल में शारीरिक शिक्षक पद पर कार्यरत हैं। नवगछिया के अनिल कुमार सिंह की पुत्री पकरा गांव की सपना ने भी कबड्डी में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। वर्तमान में सपना महाराष्ट्र के अमरावती में बीपीईडी की पढ़ाई पूरी कर रही हैं।


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