स्मार्ट सिटी : शहर में मार्च से बनने लगेगी स्मार्ट सड़क, जयपुर मॉडल पर होगा निर्माण
भागलपुर स्मार्ट सिटी बोर्ड में 12 जनवरी को स्वीकृति मिलने के बाद 15 जनवरी को निविदा निकाली जाएगी। छह फरवरी को निविदा डालने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।
भागलपुर [जेएनएन]। स्मार्ट सिटी योजना के तहत बनने जा रही स्मार्ट सड़क का निर्माण कार्य मार्च से शुरू हो जाएगा। प्रमंडल कार्यालय में आयुक्त राजेश कुमार की अध्यक्षता में तकनीकी समिति ने स्मार्ट सड़क के आरएफपी (प्रस्ताव के लिए आग्रह) में संशोधन के बाद स्वीकृति दी गई। अब इसे नगर विकास विभाग के मुख्य अभियंता को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।
भागलपुर स्मार्ट सिटी बोर्ड में 12 जनवरी को स्वीकृति मिलने के बाद 15 जनवरी को निविदा निकाली जाएगी। छह फरवरी को निविदा डालने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। 15 फरवरी तक टेक्नीकल और वित्तीय बीड की प्रकिया पूरी होगी। 23.7 किलोमीटर स्मार्ट सड़क की योजना 308 करोड़ रुपये की होगी।
तकनीकी समिति ने स्मार्ट सड़क, 30 करोड़ के सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट और सैंडिस कंपाउंड के चारदीवारी के 3.5 करोड़ रुपये आरएफपी को अनुमोदित किया। स्मार्ट सड़क के प्रोजेक्ट में ओडिशा और जयपुर में स्मार्ट सड़क के अनुमोदित मॉडल के आधार पर प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। सात मीटर से 15 मीटर चौड़ी सड़क, फुटपाथ और अंडर ग्राउंड बिजली केबल आदि की सुविधा रहेगी। सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट के लिए निजी कंपनी को कूड़ा उठाव से लेकर निस्तारण की व्यवस्था दी जाएगी। गंदगी मिलने पर कंपनी जिम्मेदार होंगे। निगम सिर्फ लोगों से सुविधा शुल्क वसूलेगी।
दिखने लगेगा कार्य, निविदा की चल रही अंतिम प्रकिया
कार्य में विलंब को लेकर सीएफओ हिमांशु ठाकुर को 50 हजार का पेनाल्टी लगाया था। आयुक्त ने बताया नगर निगम के कुछ कर्मी पीडीएमसी से बेवजह उलझ रहे थे। इसके कारण में कार्य में विलंब हो रहा है। पीडीएमसी के कार्यशैली में अगर सुधार नहीं होगा तो उनपर जुर्माना लगेगा। सड़क, सीसीसी, सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट की निविदा अगस्त में शुरू हुई। निविदा में तकनीकी पेंच की वजह से बड़ी कपंनी नहीं पहुंची। पीडीएमसी से एसपीवी में शामिल होने वाले आइटी एक्सपर्ट जसीम मंडल को बोर्ड ने हटा दिया है। स्मार्ट सिटी के कार्य में अब कोई परेशानी नहीं होगी। सिर्फ फाइनल पूस देना है। पीडीएमसी से मानक के अनुरूप आरएफपी तैयार करने का सार्टिफिकेट मांगा गया है। कार्य में
मानक पर नहीं हुई थी निविदा
पूर्व में तैयार किए गए प्रोजेक्ट पर विभाग के प्रधान सचिव से लेकर बोर्ड ने भी सवाल खड़े किए थे। 24 दिसंबर को पटना में प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने समीक्षा बैठक में नगर आयुक्त सह सीईओ से निविदा में एक कंपनी के शामिल होने पर जवाब मांगा था। साथ ही सीईओ और सीएफओ को फटकार लगाई गई। एक चौकाने वाला मामला प्रकाश में आया। निविदा को किसी एक एजेंसी के हित में तैयार किया गया था। सड़क निर्माण की निविदा में इलेक्ट्रिक उपकरण को भी जोड़ा गया था। जबकि अधिकांश कंपनी सड़क निर्माण के लिए कार्य करती है। अंडर ग्राउंड केबल आदि के लिए अलग एजेंसी की जरुरत होती है। पूर्व के निविदा में दोनों को साथ रखा गया था। इससे देश की बड़ी कंपनी निविदा में शामिल नहीं हुई। नए निविदा में सड़क और इलेक्ट्रिक उपकरण को अलग-अलग रखा गया है। कंट्रोल एंड कमांड केंद्र की निविदा में एक कंपनी को सिस्को को देने की योजना थी। सिस्को की तीन कंपनी को लेकर पहुंची थी। इस निविदा में तकनीकी पेंच लगाया गया था।
प्रोजेक्ट में मिली गड़बड़ी तो पीडीएमसी पर होगी कार्रवाई
तैयार प्रोजेक्ट के लिए पीडीएमसी से सार्टिफिकेट लिया गया है। अगर आरएफपी में कोई गड़बड़ी मिला और निविदा रद करने की संभावना बनी तो कानूनी कार्रवाई होगी। पीडीएमसी के डिप्टी टीम लीडर संदीप कुमार और अमितेश ने सड़क के लिए एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए रवि राठौर ने सार्टिफिकेट दिया है।