Move to Jagran APP

सांसद निधि की योजना में प्रगति धीमी, 105 योजनाएं अपूर्ण

सांसद निधि से जो काम हो रहा है उसकी प्रगति दर कम है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 10:22 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 10:22 PM (IST)
सांसद निधि की योजना में प्रगति धीमी, 105 योजनाएं अपूर्ण
सांसद निधि की योजना में प्रगति धीमी, 105 योजनाएं अपूर्ण

जेएनएन , भागलपुर । लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। क्षेत्र में आचार संहिता लागू है। अब कोई नया काम नहीं हो सकता है। सांसद निधि से जो काम हो रहा है, उसकी प्रगति दर कम है। अभियंताओं की कमी इसका कारण बताया जा रहा है। दर्जनों योजनाएं ऐसी हैं जिनकी अनुशंसा हाल में हुई हैं और अब तक उस पर काम शुरु नहीं हुआ है। कागजी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। काम धरातल पर अभी नहीं पहुंचा है।

loksabha election banner

अब तक सांसद बुलो मंडल के नाम पर 'सांसद निधि' मद में 20 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है। शेष पांच करोड़ की राशि अभी प्राप्त नहीं हुई है। माननीय ने आचार संहिता लगने के पूर्व केंद्र से राशि आने की प्रत्याशा में अपनी निर्धारित 25 करोड़ रुपये की योजनाओं का अनुमोदन कर दिया है। सांसद अपनी अनुशंसा योजना विभाग को देता है और इसका कार्यान्वयन स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के द्वारा किया जाता है। सांसद ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में 315 योजनाएं क्षेत्र को दी। जिसमें 210 पूर्ण हुई और 105 अपूर्ण है। सांसद निधि में शेष पांच करोड़ की राशि प्राप्त करने के लिए जिला प्रशासन ने केंद्र सरकार के संबंधित विभाग को पत्र लिखा है। टेंडर से नहीं सभी योजनाएं विभागीय कराई

सांसद ने जितने भी योजनाओं का अनुमोदन किया है, सभी को विभागीय स्तर पर पूर्ण कराया जा रहा है। 15 लाख से कम की यूनिट रहने पर उसमें टेंडर कराने की बाध्यता नहीं रहती है। इस संबंध में पथ निर्माण विभाग का गाइड लाइन है। सांसद ने इसी गाइड लाइन से काम कराया। उनकी योजनाओं को विभागीय स्तर पर काम कराये जाने से इसकी पूरी जवाबदेही सहायक अभियंता को रहती है। आचार संहिता लगने के पूर्व सांसद ने योजनाओं का अनुमोदन कर दिया है।

विभागीय सूत्र बताते हैं कि सभी योजनाएं 15 लाख से कम की दी गई है ताकि टेंडर में योजना नहीं जाए। सामान्य तौर पर यह मान्यता है कि विभागीय काम कराने के पीछे कार्यकर्ताओं को खुश करने या उन्हें उपकृत करने की मंशा नेताओं की रहती है। यह सिर्फ सांसद निधि में नहीं बल्कि विधायक और विधान पार्षदों की योजनाओं में भी व्यवस्था है। सांसद की अधिकांश योजनाएं दस लाख रुपये से नीचे की है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि टेंडर प्रक्रिया में सहायक अभियंता की भूमिका प्रत्यक्ष तौर पर नहीं रहती है। विभागीय कार्य में सहायक अभियंता की भूमिका प्रत्यक्ष तौर पर रहती है। '' सांसद की कई योजनाओं पर काम चल रहा है। नियमानुसार जो योजनाएं अनुमोदित और स्वीकृत हैं वह 18 महीने में पूरी की जा सकती हैं। सांसद निधि की पांच करोड़ की बची हुई राशि के लिए सरकार को पत्र लिखा गया है।''

दूधनाथ राम, जिला योजना पदाधिकारी ।

अनुशंसा में कौन-कौन सी हैं योजनाएं

स्कूल भवन, स्कूल कमरा, सामुदायिक भवन, पंचायत भवन, स्वास्थ्य केंद्र, पीसीसी रोड, नाला, स्कूल में फर्नीचर, खेल मैदान, स्टेडियम, पुल, पुलिया शामिल हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.