नगर पंचायत बनने के बाद भी सौरबाजार के विकास की रफ्तार धीमी, मुख्य सड़कों की केवल होती है सफाई
नगर पंचायत बनने के बाद भी सौरबाजार का विकास नहीं हो सका है। यहां पर सफाई के नाम पर केवल मुख्य सड़कों की सफाई की जा रही है। साथ ही कूड़े का भी नियमित रूप से उठाव नहीं हो रहा है। इससे...
संसू, सौरबाजार (सहरसा)। प्रखंड मुख्यालय सौरबाजार को नगर पंचायत बना दिया गया। लेकिन छह माह बाद भी लोगों को नगर पंचायत की सुविधा नहीं मिल सकी है। नगर पंचायत कार्यालय में ताला लटका रहता है। साफ-सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। माह में एक-आध दिन कभी-कभार सड़कों पर झाड़ू लगते देखा जाता है। सफाईकर्मी सड़क की सफाई कर सड़क के बगल में ही कूड़ा डाल देते हैं। जिससे कूड़ा सड़क किनारे पड़ा रहता है।
शिकायत नहीं कर पा रहे हैं लोग
कार्यालय नहीं खुलने के कारण लोग अपनी शिकायत भी नहीं कर पाते हैं। पदाधिकारी या कर्मी यहां आते ही नहीं है। लोग प्रखंड के अधिकारी से कार्यालय बंद रहने की शिकायत करते हैं। लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है। नगर पंचायत में सफाई कार्य ठेके पर दिया गया है। बाजार में कभी-कभार तो सफाई तो हो जाती है लेकिन नगर पंचायत में पडऩे वाले सिलेट समेत अन्य वार्ड में अभी तक लोग सफाई के बारे में जानते भी नहीं है। जिस समय नगर पंचायत का गठन हुआ था, यहां के लोगों को लगा था कि अब शहर जैसा सुविधा मिलेगी। लेकिन अभी तक कई सुविधा से लोग वंचित है।
क्या कहते हैं लोग
नगर पंचायत बनने के बाद लग रहा थ कि साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था होगी। लेकिन यहां साफ-सफाई के नाम सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। सड़क के बगल में कूड़ा जमा रहने से परेशानी होती है।
कुंज बिहारी गुप्ता
जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण सड़क पर पानी बहने से आवागमन में लोगों को परेशानी हो रही है। नगर पंचायत बनने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
मु. वसीम
सौरबाजार पंचायत को नगर पंचायत बनाया गया लेकिन समस्या जस की तस है। शुद्ध पेयजल की समस्या बनीं हुई है। कार्यालय कभी खुलता नहीं है।
गुलाब साह
नगर पंचायत बनने के बाद जो भी सफाई कार्य नहीं के बराबर हो रहा है। सिलेट भगवती स्थान समेत अन्य जगह अभी तक कोई सुविधा नहीं पहुंच पायी है।
बबलू झा