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बूचड़खाना लापता: कटिहार में धड़ल्ले से कट रहे बकरे, बिन हेल्थ सर्टिफिकेट बिक रहा मांस

बूचड़खाना लापता- बिना हेल्थ सर्टिफिकेट ही कटिहार जिले में बकरे काटे जा रहे हैं। खुले में मांस की बिक्री की जा रही है। बूचड़खानों का निबंधन नहीं होने से राजस्व की भी हानि हो रही है। खुले में मांस बिकने से आने-जाने वाले राहगीरों को भी तकलीफ हो रही है।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Thu, 23 Jun 2022 05:16 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jun 2022 05:16 PM (IST)
बूचड़खाना लापता: कटिहार में धड़ल्ले से कट रहे बकरे, बिन हेल्थ सर्टिफिकेट बिक रहा मांस
बूचड़खाने लापता, अवैध संचालित- बिहार के कटिहार का मामला।

राजीव चौधरी, कटिहार: शहरी से लेकर गांव-गांव तक बकरे का मांस बिक्री करने वाले बूचड़ खुलेआम गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन इसको लेकर उदासीन है। बताते चले कि बीमार बकरे व मुर्गे का मांस बगैर पशु चिकित्सक की जांच के बिक्री किया जा रहा है। बिना निबंधन के ही सड़क किनारे बूचड़खाना खोल कर खुले में मुर्गा, मुर्गी व बकरे का मांस बेचा जा रहा है। निगम क्षेत्र के ह्रदयगंज, न्यू मार्केट, हवाई अडडा, न्यू कालोनी, चौधरी मोहल्ला, तिनगछिया, मिरचाईबाड़ी, लाल कोठी, ओवर ब्रिज के नीचे, बुद्धु चौक, ओटी पाड़ा आदि क्षेत्रों में तीन दर्जन से अधिक बूचडख़ाने हैं। पीसी एक्ट के मुताबिक बकरा काटने से पूर्व पशु चिकित्सक से जांच प्रमाण पत्र लेना आवश्यक हैं।

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राजस्व की हो रही हानि

शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाको में खुलेआम बिना निबंधन के ही सड़क किनारे मांस की बिक्री हो रही हैं। जिससे सरकार को प्रत्येक वर्ष लाखों के राजस्व की क्षति हो रही है। इधर बूचडख़ाना के कारोबार से जुड़े लोगों ने कहा कि एक बकरे को काटे जाने के एवज में नगर निगम को 15 रूपए देना पड़ता है। बूचडख़ाना नहीं होने के कारण ही खुले में ही बकरा को काटने व मांस बेचने की विवशता है। बूचड़खानों का लाइसेंस है। लेकिन इसका नवीकरण नहीं हो पाया है।

गंदगी के बीच बेचा जाता है मांस

नगर निगम क्षेत्र में नालों पर ही मांस बेचे जाने की दुकानें अधिकांश स्थानों पर है। खुले में मांस बेचे जाने के कारण संक्रमण व बीमारी का खतरा भी बना रहता है। नियम के मुताबिक सड़क किनारे व धार्मिक स्थलों के आस पास बूचड़ की दुकान नहीं होनी चाहिए। लेकिन इसका उल्लंघन किया जा रहा है।

जिला पशुपालन अधिकारी डा. फिरोज अख्तर ने  कहा कि बकरे व मुर्गा, मुर्गी का मांस बिना प्रमाणपत्र नहीं बेचा जा सकता। बूचडख़ाने में बकरा काटे जाने से पूर्व पशु चिकित्सक से हेल्थ सर्टिफिकेट लेना आवश्यक है। इसको लेकर बूचड़ों के साथ बैठक भी की गई थी। बूचड़ो ने निबंधन प्रमाण पत्र नवीकरण नहीं होने की बात कही हैं। बूचड़ो ने कहा कि वे लोग एक बकरे की कटाई पर नगर निगम को 15 रुपए मिलता है।


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