छह इंच धंसा कोसी ब्रिज, भारी वाहनों के परिचालन पर रोक
राष्ट्रीय उच्च पथ 31 पर कुर्सेला कोसी ब्रिज का आठ नंबर पाया छह इंच तक धंस गया।
जेएनएन, कटिहार। राष्ट्रीय उच्च पथ 31 पर कुर्सेला कोसी ब्रिज का आठ नंबर पाया छह इंच तक धंस गया। इससे पुल में दरार पड़ गई। शुक्रवार को इसकी जानकारी एनएचएआइ (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के अधिकारियों को मिली। इस कारण पुल पर भारी वाहनों का परिचालन तत्काल रोक दिया गया है। अब नवगछिया तक जाने या आने के लिए भारी वाहनों को मधेपुरा जिले के चौसा से होकर गुजरना होगा। दिल्ली से एनएचएआइ के विशेषज्ञ चल चुके हैं और शुक्रवार रात तकही पहुंचने उनके की संभावना है।
:- छोटे वाहनों का भी रुक सकता है परिचालन : अभी पुल से होकर छोटे वाहनों का परिचालन जारी है, लेकिन मरम्मत के दौरान इसे भी बंद किया जा सकता है। एनएचएआइ के अभियंताओं की टीम ने भी स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है। इसके प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने जिलाधिकारी से भारी वाहनों के लिए वैकल्पिक रूट के निर्धारण को लेकर बात की है। पुल के स्लैब व स्पैन को जैक की मदद से उठाकर बेय¨रग को बदला जाएगा। दिल्ली, मेरठ या कोलकाता से बेय¨रग मंगवाने में कम से कम दो-तीन दिन का समय लग सकता है। इसके बाद ही पुल की मरम्मत शुरू हो सकती है।
:- पुल पर पुलिस की तैनाती : 51 वर्ष पुराने कोसी पुल की हालत भी ठीक नहीं है। पुल की मरम्मत में कम से कम एक सप्ताह का समय लग सकता है। यदि समस्या और बड़ी हुई तो इंतजार लंबा हो सकता है। अभी जिला प्रशासन की ओर से पुल पर पुलिस बल की तैनाती भी कर दी गई है। मालूम हो कि 1125 किलोमीटर लंबा एनएच 31 झारखंड में बरही से शुरू होकर गुवाहाटी के जलुकबाड़ी तक जाता है। यह बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम से होकर गुजरता है। कोसी पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण कोसी अंचल और अंग क्षेत्र के लोगों को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
:- मालवाहक वाहनों का बना था दबाव : फरक्का पुल की मरम्मत के कारण एनएच 31 पर पिछले दो माह से वाहनों का भारी दबाब बना हुआ था। इसे लेकर लगातार महाजाम भी रहता था। ओवरलोड वाहनों के लगातार परिचालन को ही पुल के क्षतिग्रस्त होने का कारण बताया जा रहा है। एनएचएआइ का मानना है कि बिहार में ओवरलोड मालवाहक वाहनों पर नकेल नहीं कसे जाने के कारण ही पुलों की हालत खराब हो रही है। एनएचएआइ के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि कुर्सेला ब्रिज की बेय¨रग इस कदर क्षतिग्रस्त हुई है कि इसकी मरम्मत के लिए दूसरे देशों के विशेषज्ञों से भी संपर्क किया जा रहा है। सदर एसडीओ नीरज कुमार ने बताया कि पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण नवगछिया जीरो माइल तक प्रवेश कर गए भारी वाहनों के लिए वाया पुरैनी-चौसा वैकल्पिक रूट निर्धारित करने का निर्देश दिया गया है।