रेशमी शहर में बनेगा सिल्क सेंटर
रेशमी शहर में जल्द ही सिल्क सेंटर बनेगा। इसमें रेशम से जुड़े सभी विभागों को एक जगह लाया जाएगा।
भागलपुर। रेशमी शहर में जल्द ही सिल्क सेंटर बनेगा। इसमें रेशम से जुड़े सभी विभागों को एक जगह लाया जाएगा। इससे रंगरेजों को काफी लाभ होगा। उन्हें एक ही छत के नीचे पावरलूट व हैंडलूम अपग्रेडेशन, नवीनतम डिजाइन व रंग बनाने की जानकारी, बीमा का लाभ, बुनकरों के बच्चों को छात्रवृत्ति जैसी तमाम सुविधाएं मिलेंगी। ये बातें
केंद्रीय रेशम बोर्ड के सदस्य सह बक्सर के सांसद आश्रि्वनी कुमार चौबे ने कही। वे बुधवार को डीआरडीए में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला शिल्पकार व हस्तकरघा बुनकरों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
शुरू हुआ बुनकरों का कल्याण
उन्होंने कहा कि देश में एक लाख 40 हजार बुनकर परिवार है। उनका कल्याण शुरू हो गया है। महिलाओं को अब जांघ पर धागा कताई नहीं करनी पड़ेगी। उन्हें थाई रिलिंग मशीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके तीन मॉडल बनाए गए हैं जो पैडल, सौर उर्जा व बिजली से संचालित होंगे।
ऑटोमेटिक रिलिंग मशीन का मॉडल भी बनकर तैयार हो गया है। इसकी भी सुविधा शीघ्र बुनकरों को मिलेगी। 2020 तक भागलपुर की महिला शिल्पकारों व बुनकरों को थाई रिलिंग मशीन उपलब्ध करा दी जाएगी।
परेशानी हो तो तुरंत मिलें : डीडीसी
डीडीसी अमित कुमार ने कहा कि बुनकर मुद्रा योजना को सुलभ बनाने के लिए बैंक अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। योजना का लाभ लेने में किसी प्रकार की परेशानी हो तो तुरंत अवगत कराएं।
महिलाओं को बनाया जा रहा सशक्त : उपमहापौर
उपमहापौर डॉ. प्रीति शेखर ने कहा कि वस्त्र मंत्रालय के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। जांघ पर धागा कताई से महिलाओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था। मशीन के साथ अब इन्हें बाजार उपलब्ध कराने की जरूरत है।
ख्याति लौटाने की जरूरत : विधायक
नगर विधायक अजीत शर्मा ने कहा रेशमी नगर की ख्याति को लौटाने की आवश्यकता है। खर्च बढ़ गया है, बुनकरों की स्थिति ठीक नहीं है। हवाई सेवा शुरू होने पर सिल्क उद्योग को गति मिलेगी।
किन्हें क्या मिला
पीरपैंती की अजीजा खातून, नाथनगर की पिंकी देवी व लोदीपुर की सावित्री देवी को थाई रिलिंग मशीन एवं बांका की कपूर मणी टूडु, सुषमा हेम्ब्रम व रेणु देवी रक्शा को कीट पालन के लिए रियरिंग कीट दिया गया।