सुपौल के किसानों के अरमानों को धूमिल कर रहे बीमार नलकूप, रखरखाव की नहीं है व्यवस्था
सुपौल में खराब पड़े नलकूप किसानों के अरमानों को धराशायी कर रहे हैं। बसंतपुर प्रखंड के रतनपुर पंचायत में यूं तो कहने के लिए दो-दो राजकीय नलकूप स्थापित है लेकिन व्यवस्था की सुस्ती के चलते ये दोनों नलकूप किसानों के लिए शोभा की वस्तु बन चुके हैं।
सुपौल, जेएनएन। कुदरत एवं कोरोना की मार से टूट चुके किसान फिर भी खेती-किसानी में जुटे हुए हैं। लेकिन बीमार नलकूप के चलते किसानों को फसलों की सिंचाई की सिंचता हर पल सताते रहती है। हालांकि इस बार खरीफ मौसम में अच्छी बारिश से किसानों को राहत तो जरूर मिली है, लेकिन ऊंची जमीन में सिंचाई की।जरुरत हर समय बनी रहती है। ऐसे में खराब पड़े नलकूप किसानों के अरमानों को धराशायी कर रहे हैं। बसंतपुर प्रखंड के रतनपुर पंचायत में यूं तो कहने के लिए दो-दो राजकीय नलकूप स्थापित है, लेकिन व्यवस्था की सुस्ती के चलते ये दोनों नलकूप किसानों के लिए शोभा की वस्तु बन चुके हैं। रतनपुर पंचायत के वार्ड नंबर 10 में स्थापित दोनों राजकीय नलकूप तकनीकी खराबी के चलते महीनों से बंद पड़ा है। ओल्ड नलकूप का स्टार्टर जहां महीनों से खराब पड़ा है। वहीं फेज इलेवन के नलकूप का मोटर लंबे समय से जला पड़ा है। मालूम हो कि इन नलकूपों से इस इलाके की दर्जनों एकड़ भूमि की ङ्क्षसचाई की जाती है। लेकिन खराब नलकूपों के चलते बेवस किसानों को भटकना पड़ रहा है। किसानों को निजी संसाधनों से महंगी दर पर ङ्क्षसचाई का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
क्षेत्र के किसान अवध नारायण झा, धीरेंद्र मिश्र, मोहन मिश्र, महेंद्र पासवान, विनय झा, विकास झा, रेशमलाल मंडल, गोपाल झा सहित अन्य किसानों का कहना है कि ङ्क्षसचाई सहित अन्य संसाधनों के लिए तनिक भी परेशान नहीं होने दिया जाएगा का सरकारी ऐलान तो खूब सुनने को मिलता है, लेकिन धरातल पर स्याह तस्वीर के सिवा कुछ नहीं दिखलाई देती है। राजकीय नलकूप खराब होने की शिकायत करने के बाद भी विभागीय अधिकारी इसकी सुध नहीं ले रहे हैं। नलकूप खराब होने से किसानों के समक्ष फसल की ङ्क्षसचाई को लेकर संकट खड़ा हो जाता है। किसान परेशानी झेलने के साथ-साथ महंगी दर पर निजी संसाधनों से ङ्क्षसचाई करने को विवश हैं। किसानों ने बताया कि अगर किसानों की समस्याओं पर विभाग थोड़ा भी ध्यान दे तो किसानों को ङ्क्षसचाई के लिए परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।