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सावन में नहीं होगा गंगा स्नान व बाबा भोले का जलाभिषेक

सावन में इस बार श्रद्धालु गंगा स्नान नहीं कर सकेंगे। ना ही मंदिरों में जाकर जलाभिषेक कर सकेंगे। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर डीएम प्रणव कुमार ने इस पर पाबंदी लगा दी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 11:16 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 11:16 PM (IST)
सावन में नहीं होगा गंगा स्नान व बाबा भोले का जलाभिषेक
सावन में नहीं होगा गंगा स्नान व बाबा भोले का जलाभिषेक

भागलपुर। सावन में इस बार श्रद्धालु गंगा स्नान नहीं कर सकेंगे। ना ही मंदिरों में जाकर जलाभिषेक कर सकेंगे। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर डीएम प्रणव कुमार ने इस पर पाबंदी लगा दी है। कांवर यात्रा पर भी रोक लगा दी गई है। डीएम ने जारी आदेश में कहा है कि पांच जुलाई से किसी भी नदी से कांवर यात्रा, शिव मंदिरों में जलाभिषेक, पूजा-अर्चना, श्रावणी मेला कार्यक्रम स्थगित रहेगा। डीएम ने सभी एसडीओ और डीएसपी को निर्देश दिया है कि अपने-अपने क्षेत्र के सभी नदी घाटों एवं मंदिर परिसर की निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में मजिस्ट्रेट, पुलिस पदाधिकारी व पुलिस की प्रतिनियुक्ति करेंगे। बूढ़ानाथ मंदिर, गोनूधाम मंदिर, आदमपुर शिव मंदिर, बटेश्वर स्थान शिव मंदिर की विशेष निगरानी करने के लिए कहा गया है।

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नहीं आ रहे कांवरिया

सावन का महीना छह जुलाई से शुरू हो रहा है, लेकिन अजगवी नाथ धाम में कांवरिया नहीं पहुंच रहे हैं। यहां सावन के सात दिन पहले से ही कांवरियों का आना शुरू हो जाता था। तीन दिन पूर्व चार कांवरिया जरूर आए थे, लेकिन बिना जल भरे लौट गए। जिला प्रशासन ने सुल्तानगंज गंगा घाट पर पुलिस की तैनाती कर दी है।

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इस सावन पांच सोमवार

सावन महीना सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही समाप्त हो जाएगा। इस सावन पांच सोमवार पड़ रहे हैं। कई विशेष योग भी बन रहे हैं। पंडित राजेश मिश्र के अनुसार सावन में सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने के साथ भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष फल मिलता है। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन से सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।

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सोमवार व्रत

-06 जुलाई पहला सोमवार

-13 जुलाई दूसरा सोमवार

-20 जुलाई तीसरा सोमवार

-27 जुलाई चौथा सोमवार

-03 अगस्त अंतिम सावन सोमवार

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भगवान शिव की करें आराधना

-सावन महीने में सुबह जल्दी उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहनकर भगवान शिव की पूजा करें।

-पूजा स्थान की अच्छी तरह साफ-सफाई करें, और वहा गंगाजल का छिड़काव करें।

-घर में शिवलिंग बनाकर जल व दूध का अभिषेक भी करें।

-इसके बाद भगवान शिव और शिवलिंग को चंदन का तिलक लगाएं।

- भगवान शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल, बेल पत्र, धतूरा, फल, फूल आदि अíपत करें।

-अब दीपक जलाएं और भगवान शिव का ध्यान लगाएं।

-इसके बाद शिव कथा व शिव चालीसा का पाठ कर, महादेव की आरती करें।

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सावन की शिवरात्रि का महत्व

सावन के महीने में शिवरात्रि आने पर इसका विशेष महत्व होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर शिवरात्रि मनाई जाती है, लेकिन फाल्गुन और सावन के महीने की शिवरात्रि विशेष फलदायी मानी जाती है। इस बार सावन महीने की शिवरात्रि 18 जुलाई को मनाई जाएगी।


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