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धुरी यादव हत्‍याकांड : हत्या के कई चश्मदीद, एक दर्जन शूटर थे शामिल Bhagalpur News

बदमाशों ने 4 नवंबर 2019 की शाम करीब छह बजे धुरी यादव को गोली मारी। जिस समय उन्हें गोली मारी गई भागलपुर के उर्दू बाजार निवासी अजय कुमार सिंह साथ थे।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 12:28 PM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 12:28 PM (IST)
धुरी यादव हत्‍याकांड : हत्या के कई चश्मदीद, एक दर्जन शूटर थे शामिल Bhagalpur News
धुरी यादव हत्‍याकांड : हत्या के कई चश्मदीद, एक दर्जन शूटर थे शामिल Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। धुरी यादव की हत्या को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं परिजन जता रहे हैं। उनके छोटे भाई जदयू नेता शिशुपाल भारती ने कहा कि भाई की हत्या में करीब एक दर्जन शूटर शामिल थे। जिन्होंने घटनास्थल के आसपास सारी गलियों को ब्लॉक कर दिया था। उन्होंने आशंका जताई है कि जिस गली में उनके भाई को गोली मारी गई है, उस गली में भाई खतरे का आभास होने पर जान बचाने के लिए भागे होंगे। तभी बदमाशों ने उन्हें जांघ में गोली मार दी। उन्होंने कहा की वे अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध केस दर्ज कराएंगे। मंगलवार की रात तक केस दर्ज नहीं हो पाएगा।

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इस बार काली मां की नहीं उतारी चुनरी

शिशुपाल ने कहा कि हर बार काली पूजा में उर्दू बाजार की काली प्रतिमा के विसर्जन से पूर्व उनके भाई धुरी यादव ही मां काली की चुनरी उतारते थे। लेकिन इस बार चूंकि वे केंद्रीय काली महारानी महासमिति के महामंत्री के पद पर थे। इस कारण उन्होंने उन्हें मां काली की चुनरी विसर्जन से पूर्व उतारने के लिए बुलाया।

24 को भतीजी की थी शादी, तैयारी में जुटे थे धुरी

धुरी यादव की हत्या के बाद परिवार पर विपदा का पहाड़ टूट पड़ा है। उन पर ही परिवार का सारा दायित्व था। उनके भाई शिशुपाल भारती ने बताया कि 24 नवंबर को टेंपुल यादव की बेटी यानी धुरी यादव की भतीजी की शादी तय थी। वे शादी की तैयारी में जुटे थे। इस घटना ने सभी को तोड़ कर रख दिया है।

शिशुपाल ने प्रशासन से अपने भाई के हत्यारे को शीघ्र गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलाने की मांग की है। ताकि परिवार को इंसाफ मिल सके। शिशुपाल ने बताया कि उनके बड़े भाई धुरी के दो पुत्र आशीष और आयुष एवं एक बेटी आकांक्षा है। आशीष पार्ट वन, आयुष दसवीं और आकांक्षा ग्यारहवीं की छात्रा है। धुरी की पत्नी घटना के बाद से सदमे में है। बच्चों की हालत खराब है। शिशुपाल ने बताया कि वे लोग चार भाई थे। एक भाई काली यादव की कई वर्ष पहले हत्या हो गई थी। अब दूसरे भाई की हत्या कर दी गई। अब वे और उनसे बड़े भाई टेंपुल यादव हैं। काली यादव के बड़े बेटे अभिजीत की भी जिम्मेवारी धुरी के ही कंधे पर थी। वह एमए का छात्र है।

पुरानी अदावत व जमीन विवाद पर टिकी है पुलिस की जांच

धुरी यादव हत्याकांड में पुलिस की जांच उनकी पुरानी अदावत व जमीन विवाद पर टिकी हुई है। इस मामले में पुलिस ने धुरी यादव की पुरानी रंजिश की फाइल को खंगालना शुरू कर दिया है। इसके अलावा उन्होंने किन स्थानों पर जमीन में अपना रुपये निवेश किए थे या किस जमीन को लेकर कभी कोई विवाद हुआ, इसकी जानकारी जुटा रही है। इसके अलावा अन्य कारणों की तलाश भी कर रही है।

कई शातिरों के नंबर सर्विलांस पर

पुलिस ने कुछ वर्षों में जमानत पर जेल से बाहर रह रहे कई पुराने शातिरों व शूटरों के मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लिया है। ताकि पुरानी रंजिश के बारे में कुछ भी स्पष्ट हो सके। इसके अलावा भागलपुर व नवगछिया में सक्रिय बदमाशों पर भी तकनीकी जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस को तकनीकी जांच में कुछ सुराग भी हाथ लगे हैं। पुलिस जांच के दौरान एक दूसरे से कड़ी जोड़कर हत्यारों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

घर में हत्या कर बड़ी चुनौती दे गए बदमाश

धुरी यादव की उर्दू बाजार में सरेशाम गोली मारकर हत्या कर बदमाशों ने पुलिस के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। बता दें कि केंद्रीय काली महारानी महासमिति के महामंत्री रहने के कारण वे पुलिस व जिला प्रशासन के काफी करीबी हो गए थे। इसके अलावा उनके साथ हमेशा कुछ पारिवारिक लड़के सुरक्षा ढाल बनकर खड़े रहते थे। ऐसे में उनके इलाके में घुसकर गोलियों से छलनी करना, बड़ी वारदात है।

लॉज में रहकर रेकी करने की हो रही चर्चा

हत्या में शामिल शूटरों के उर्दू बाजार में ही किसी लॉज में छिपकर कई दिनों से रेकी करने की चर्चाएं हो रही है। पुलिस को भी जब जानकारी मिली तो लॉज की तलाश शुरू हो गई है। अब तक कुछ पता नहीं चला है। परिवार वाले भी मान रहे हैं, कि मोहल्ले में घुसकर इस तरह की वारदात करने के लिए कई दिनों से तैयारी की गई थी। तभी घटना को अंजाम दिया गया।

भागने वाले रास्ते में है कई गलियां

जिस रास्ते धुरी यादव को गोली मारकर शूटर भागे हैं। उसके मुख्य रास्ते में कई गलियां है। इसमें प्रवेश कर उर्दू बाजार, विक्रमशिला कॉलोनी और सराय की ओर जाया जा सकता है। ऐसे में स्थानीय लोगों के मुंह नहीं खोलने से पुलिस के सामने भी असमंजस की स्थिति है। यह बात स्पष्ट नहीं हो पा रही है कि शूटर असल में किस रास्ते से भागे थे।

हत्या के कई चश्मदीद, पुलिस ने बनवाए तीन संदिग्धों के स्कैच

पुलिस ने तफ्तीश के दौरान कुछ चश्मदीद लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया। जिस जगह घटना हुई उसके सामने ही अंडे की दुकान है। वारदात के समय वहां कई ग्राहक भी मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों व सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने एक आर्टिस्ट से तीन संदिग्धों के स्केच बनवाए हैं। अब तक उनकी पहचान नहीं हो सकी है। धुरी यादव हत्याकांड में पुलिस स्केच जारी कर शूटरों की पहचान कराने की तैयारी कर रही है। बता दें कि इसके पूर्व पीरपैंती में हुई एक घटना में शामिल बदमाशों का तत्कालीन एसएसपी मनोज कुमार ने स्केच बनवाया था। स्केच अखबारों और सोशल मीडिया के माध्यम से जारी किया गया था।

सात सीसीटीवी कैमरे खोलेंगे भाड़े के शूटरों का राज

धुरी यादव को गोली मारने के बाद जिस रास्ते शूटर भागे उसमें आगे जाकर छह सीसीटीवी कैमरे अलग अलग घरों में लगे हुए हैं। इसके अलावा घटनास्थल के पास ही एक मकान में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है। मंगलवार को सिटी डीएसपी राजवंश सिंह और तातारपुर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार इन कैमरों की जांच के लिए पहुंचे थे। पुलिस के मुताबिक इन कैमरों के फुटेज को गंभीरता से देखा जा रहा है। ताकि घटना के बारे में और कुछ जानकारी मिल सके।

एक सीसीटीवी कैमरा नहीं था चालू

जिन मकानों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, पुलिस उनसे संपर्क कर रही है। एक सीसीटीवी कैमरे से तीन संदिग्धों की तस्वीर सोमवार की रात ही पुलिस को मिली थी। फोटो धुंधली होने के कारण पहचान में परेशानी आ रही है। पुलिस ने फोटो साफ कराने के लिए विशेषज्ञ से संपर्क किया है। ताकि पहचान में आसानी हो सके। वहीं एक कैमरे के बारे में मकान मालिक ने तकनीकी गड़बड़ी की बात कही है।

सिटी एसपी ने की बैठक

धुरी यादव हत्याकांड को लेकर सिटी एसपी सुशांत कुमार सरोज ने सिटी डीएसपी राजवंश सिंह के कार्यालय में बैठक की। इसमें कई थानेदारों ने हिस्सा लिया है। बैठक में केस को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की गई है। कई बिंदुओं पर उन्होंने जांच के लिए थानेदारों को निर्देश दिया है।

एसएसपी ने मांगी डेली रिपोर्ट

इस मामले में एसएसपी आशीष भारती ने सिटी डीएसपी से केस में प्रगति को लेकर डेली रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि एसआइटी के अफसरों को अलग-अलग बिंदुओं पर जांच की जिम्मेदारी दी गई है। उनसे अलग से भी प्रगति रिपोर्ट ली जाएगी।


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