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श्मशान और दुकान के बीच कैसे हो गंगा स्नान, ऐसा है कटिहार के मनिहारी घाट का हाल

बिहार के कटिहार में गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के सामने अजीब स्थिति खड़ी हो जा रही है। ऐसे में छठ महापर्व को लेकर सवाल उठाना लाजमी हो जाता है। मनिहारी गंगा तट मुख्य गंगा की स्थिति कुछ ऐसी है कि यहां...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 05:27 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 05:27 PM (IST)
श्मशान और दुकान के बीच कैसे हो गंगा स्नान, ऐसा है कटिहार के मनिहारी घाट का हाल
कटिहार में गंगा घाट पर नहाने के लिए दस बार सोचते हैं लोग...

प्रीतम ओझा, संवाद सूत्र, मनिहारी (कटिहार): कटिहार के मनिहारी गंगा घाट का हाल बेहाल है। यहां गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं को सौ बार सोचना पड़ रहा है। दरअसल, घाट पर जहां एक तरफ दुकान तो दूसरी तरफ श्मशान है। मनिहारी गंगा तट मुख्य गंगा स्नान घाट की यही स्थिति है। इन हालातों से स्थानीय प्रशासन भी पूरी तरह अनजान बना हुआ है। मनिहारी गंगा तट पर मुख्य स्नान घाट से सटकर ही कई दुकानें सजी रहती है। जबकि दूसरी तरफ यहां श्मशान घाट है। मनिहारी गंगा घाट की काफी महता है। पर यहां व्याप्त अव्यवस्था से लोग परेशान हैं। प्रशासनिक स्तर पर इस दिशा में पहल नहीं होने से श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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मनिहारी तट पर कोसी, सीमांचल सहित पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से काफी संख्या में लोग गंगा स्नान को पहुंचते हैं। लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर भी गंगा स्नान के लिए दूर दराज से लाखों की संख्या में गंगा स्नानार्थी मनिहारी गंगा तट दीपावली के दो दिन पहले से लेकर खरना तक पहुंचते है। गंगा तट पर दुकानें सजी होने से गंगा स्नान करने वाले स्नानार्थियों को काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है। वही शव के अंतिम संस्कार के लिए भी लोग पहुंचते हैं। जबकि यात्री नाव व फेरी सेवा के जहाजों से भी यात्रियों का आना जाना लगा रहता है। जबकि गंगा लंच घाट स्थित मंदिर के सामने से सड़क पर नगर पंचायत के बने नाला का पानी भी बहते रहने से लोगो को काफी असुविधा होती है।

गंदगी के खिलाफ एक दिवसीय सत्याग्रह

बीते दिनों नागरिक संघर्ष समिति ने गंगा नदी में खड़ा होकर एक दिवसीय सत्याग्रह भी किया था। जबकि स्थानीय विधायक मनोहर प्रसाद सिंह ने भी इसके निदान के लिए स्थानीय अधिकारियों को कहा था। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है। वही सड़क पर बहते नाला के पानी से पैदल आने जाने में लोगो को दिक्कतें होती है। आखिर कब तक लोगों को सहज और सुलभ तरीके से गंगा स्नान करने में सहूलियत होगी। यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।

नगर पंचायत की मुख्य पार्षद ममता देवी कहती हैं कि गंगा तट पर लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के पहल पर निदान की ठोस व्यवस्था की दिशा में पहल जारी है। फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के तहत गंगा स्नानार्थियों के लिए सहज, सुलभ व बेहतर व्यवस्था के लिए नपं के कार्यपालक पदाधिकारी को कहा गया है। देखना होगा कब तक इस घाट की स्थिति सही होती है। 


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