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आखिर सहरसा जिले में बच्‍चे क्‍यों नहीं जाना चाहते स्‍कूल, अब भी सात हजार बच्‍चों ने नहीं शुरू की है पढ़ाई

अब भी सहरसा के सात हजार बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। जिले में विभिन्न प्रखंडों में बच्चे हैं शिक्षा से वंचित। शिक्षा विभाग ने हर टोला- मुहल्ला में चलाया था जागरूकता अभियान। आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों को है रोटी की चिंता।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 10:16 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 10:16 AM (IST)
आखिर सहरसा जिले में बच्‍चे क्‍यों नहीं जाना चाहते स्‍कूल, अब भी सात हजार बच्‍चों ने नहीं शुरू की है पढ़ाई
सहरसा में अशिक्षा का दर बढ़ता जा रहा है।

जागरण संवाददाता, सहरसा। जिले के विभिन्न प्रखंडों के करीब सात हजार से अधिक बच्चे स्कूल नहीं जा रहे है। इन बच्चों को किसी स्कूल में नामांकन नहीं कराया गया है। आर्थिक स्थिति कमजोर एवं अशिक्षा के कारण अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने में असमर्थ है। शिक्षा विभाग ने शिक्षा से वंचित बच्चों को नामांकन के लिए टोला- मुहल्ला जनसंपर्क अभियान चलाकर उसे पास के स्कूल में नामांकित करने का अभियान भी चलाया है। इसके बाद भी सैकड़ों बच्चे शिक्षा से वंचित है। जिले के विभिन्न प्रखंडों में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे शिक्षा से वंचित है। आर्थिक रूप से कमजोर एवं शिक्षा के प्रति उदासीन रहनेवाले अभिभावक अपने-अपने छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हे। जिस कारण ही ऐसे बच्चे आज भी शिक्षा से वंचित है। शहर के बस स्टैंड, गांधी पथ, नया बाजार, गौतमनगर, सहरसा बस्ती, बटराहा सहित अन्य इलाकों में आज भी बच्चों की टोली अपनी बस्तियों में ही खेलते नजर आती है। हालांकि अभी तो कोरोना काल है। इसीलिए स्कूल बंद है। लेकिन स्कूल खुलने के बाद भी इनके बच्चे कम ही स्कूल में नजर आते हैं। हटियागाछी में रहनेवाले मजदूर दिनेश बताते है कि बच्चे को लाचारी में स्कूल नहीं भेजते हैं। पहले पेट की चिंता सताती है। काम नहीं करेंगे तो खाएंगे क्या? इसीलिए बच्चे को न भेजकर उसे काम करना सिखाते है कि इससे घर की आमदनी बढे़गी और रोटी की समस्या समाप्त होगी।

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शिक्षा विभाग ने चलाया था नामांकन पखवाड़ा

राज्य सरकार के निर्देश पर कोरोना काल में बंद पड़े स्कूल को लेकर शिक्षा विभाग ने पूरे जिले में जुलाई- अगस्त 20 में नामांकन पखवाड़ा चलाया था। जिसमें जिले में करीब 50 हजार शिक्षा से वंचित बच्चों का नामांकन किया गया था। इसके बाद भी हजारों बच्चे शिक्षा से वंचित है।

जिले में करीब सात हजार बच्चे है वंचित

शिक्षा विभाग द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में करीब सात हजार बच्चे शिक्षा से वंचित है। जिसमें छह वर्ष से दस वर्ष के आयु के करीब चार हजार बच्चे एवं 11 से 14 वर्ष के आयु के करीब तीन हजार बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं।

जिले में शिक्षा से वंचित बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए विभाग द्वारा नामांकन पखवाड़ा चलाया गया है। जिसके तहत हजारों बच्चों को उसके घर के नजदीक के स्कूल में नामांकन कोरोना काल में करवाया गया है। अभी छोटे-छोटे बच्चों के स्कूल में शिक्षण कार्य बंद है। शिक्षा से वंचित सभी बच्चों का नामांकन स्कूल में करवाया जाएगा। - जियाउल होदा खां, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान


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