जेलों की सुरक्षा को अभेद्य बनाएगा शेरनी दल, जानिए... क्या है इसकी योजना
प्रशिक्षण में भाग लेने वाली महिला सिपाहियों को शेरनी दल का नाम दे दिया गया है। ऐसी शेरनी जो जेल सुरक्षा में खतरे का अंदेशा होते ही शेरनी की भांति दुश्मन को दबोच ले।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। सूबे की जेलों को अभेद्य बनाने के लिए कारा मुख्यालय ने चुनिंदा महिला सिपाहियों को कमांडो ट्रेनिंग देकर तैनात करने का फैसला लिया है। हाजीपुर स्थित बिहार सुधारात्मक प्रशिक्षण संस्थान (बीका) में कमांडो ट्रेनिंग अंतिम दौर में है। मार्च के बाद उन्हें सूबे की जेलों में तैनात कर दिया जाएगा। प्रथम चरण में 120 महिला कमांडो को अत्याधुनिक हथियारों एके-47, इंसास, कारबाइन, राइफल, पिस्टल चलाने में दक्ष बनाया जा चुका है। मार्च तक इन्हें मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक रूप से पूरी तरह ट्रेंड करने के बाद जेलों की सुरक्षा में तैनात कर दिया जाएगा।
प्रशिक्षण में भाग लेने वाली महिला सिपाहियों को शेरनी दल का नाम दे दिया गया है। ऐसी शेरनी जो जेल सुरक्षा में खतरे का अंदेशा होते ही शेरनी की भांति दुश्मन को दबोच ले। कमांडो ट्रेनिंग ले रही महिला सिपाहियों को उनके प्रशिक्षण के मुताबिक खुराक भी बीका में दिया जा रहा है ताकि उन्हें कठोर प्रशिक्षण में कमजोरी का एहसास न हो। समय पर फल, दूध, अंडे उनकी डाइट में शामिल है। इसके अतिरिक्त भोजन में पौष्टिक आहार भी शामिल किया गया है। उन्हें इस बात को लेकर विशेष रूप से दक्ष बनाया जा रहा है कि वे मानसिक रूप से भी पूरी तरह ताकतवर बनी रहें।
बीका के निदेशक नीरज कुमार झा ने कहा कि सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में जो पहल की है, बीका उस अनुरूप इन महिला कक्षपालों को दक्ष बना रहा है। मार्च के बाद इन्हें जेलों की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा।