बिहार में बाढ़ राहत राशि वितरण घोटाला: एक ही परिवार के कई लोगों को मिला लाभ
बिहार में बाढ़ राहत राशि वितरण में घोटाला सामने आया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र किशनगंज में एक ही परिवार के सात लोगों को जीआर राशि दी गई है।
किशनगंज [जेेेएनएन]। बाढ़ राहत से जुड़ी जनरल रिलीफ (जीआर) की राशि के वितरण में नगर परिषद क्षेत्र में अनियमितता सामने आई है। डीसीएलआर के सरकारी वाहन चालक के परिवार के सभी सदस्यों को जीआर राशि दी गई है। नियम के अनुसार बाढ़ पीडि़त परिवार के मुखिया को ही यह राशि देने का प्रावधान है। मामले में नगर परिषद की ओर से जांच बिठा दी गई है।
नगर परिषद की ओर से जीआर राशि वितरण सूची वेबसाइट पर अपलोड की गई है। सूची के अनुसार नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 23 निवासी मु. करीम की पत्नी व उसके पुत्र वसीम अंसारी ने भी जीआर राशि का उठाव किया है।
वसीम लोक शिकायत निवारण केंद्र में कंप्यूटर ऑपरेटर है। पिता-पुत्र के अलावा इस परिवार के दामाद व बेटी ने भी राहत राशि ली है। इन लोगों के अलावा इस परिवार के अन्य सदस्यों को भी राहत राशि मिली है। मामले को लेकर स्थानीय रुईधासा निवासी आबिद हुसैन ने डीएम, एसडीएम व नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को आवेदन देकर जांच की मांग की है।
आरोप लगाया है कि पिता-पुत्र के सरकारी कार्यों से जुड़े रहने के कारण तहसीलदार ने उसके परिवार के सभी सदस्यों के नाम सर्वे सूची में डाल दिए, जबकि इस परिवार में सिर्फ चार लोग ही शादीशुदा हैं। इस परिवार में एक पति-पत्नी दोनों ने राहत राशि का उठाव किया है।
लाभ लेने वाले एक ही परिवार के सदस्य
1. नासरीन, पति मु. करीम
2. मु. वसीम अंसारी, पिता मु. करीम अंसारी
3. रोशन आरा (बेेटी मु. करीम), पति मु. कमर आजम
4. कमर आजम, पिता शेख तेजारत
5. मु. सरवर अंसारी, पिता मु. करीम
6. मु. हाशिम अंसारी, पिता मु. करीम
7. साहिन परवीण (बहू मु. करीम), पति मु. मुस्तकिम
नगर परिषद के वार्डों में बाढ़ पीडि़त परिवारों के सर्वे का काम तहसीलदार को दिया गया था। वार्ड 23 में एक ही परिवार के सात लोगों द्वारा जीआर राशि लेने का मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच कराई जा रही है। दोषियों पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
- इरफान आलम
कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद