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Sawan Somvar 2021: मंदिर की चौखट पर भक्‍तों ने किया जलाभिषेक, शिवमय हुआ सिल्‍क सिटी, कुपेश्वर नाथ महादेव मंदिर में 33 दिवसीय रूद्राभिषेक शुरू

सावन की पहली सोमवारी पर पूजा अर्चना के लिए मंदिर के बाहर भक्‍तों की भीड़ रही। कोरोना के कारण इस बार मंदिर के पट बंद थे। इस कारण सभी भक्‍तों ने मंदिर के बाहर ही पूजा अर्चना की।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 10:33 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 10:33 PM (IST)
Sawan Somvar 2021:  मंदिर की चौखट पर भक्‍तों ने किया जलाभिषेक, शिवमय हुआ सिल्‍क सिटी,  कुपेश्वर नाथ महादेव मंदिर में 33 दिवसीय रूद्राभिषेक शुरू
सावन की पहली सोमवारी पर पूजा अर्चना के लिए मंदिर के बाहर भक्‍तों की भीड़ रही।

संवाद सहयोगी, भागलपुर। सावन की पहली सोमवारी पर शिवभक्तों ने शिवालयों की चौखट पर जलाभिषेक कर फूल, दूध, जल, अक्षत, बिल्वपत्र आदि चढ़ाए। मंदिर बंद होने के बावजूद शहर शिवमय हो गया। कई श्रद्धालुओं ने शिव को स्मरण कर गंगा जल घरों में अर्पित किया। सरकार के गाईडलाइन के तहत बूढ़ानाथ मंदिर, शिव शक्ति मंदिर आदमपुर, मनसकामनानाथ मंदिर, भूतनाथ मंदिर साहेबगंज, कोतवाली चौक स्थित कुपेश्वरनाथ महादेव मंदिर के पट बाहरी भक्तों के लिए बंद रहे।

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बूढ़ानाथ मंदिर में उमड़ी भीड़

बाबा बूढ़ानथ मंदिर के मुख्य गेट के समीप सुबह से ही सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन मंदिर प्रबंधन की ओर से पट नहीं खोला गया। विधायक गोपाल मंडल भी पूजा करने अपने सहयोगियों के साथ पहुंचे थे। पर मंदिर प्रबंधन की ओर से गेट नहीं खोला गया। उन्हें भी बाहर के शिवङ्क्षलग पर जलाभिषेक करना पड़ा। मंदिर के गेट पर पुजारी ब्रह्मदेव दुबे और पुजारी भौरव मिश्रा थे। बूढ़ानाथ मंदिर के प्रबंधक बाल्मीकि ङ्क्षसह ने बताया कि रात्रि में बाबा की पूजा-अर्चना और भव्य शृंगार किया गया।

शिवशक्ति मंदिर आदमपुर के पुजारी अरुण बाबा ने बताया कि सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए मंदिर का गेट बंद रहा। बाहर में ही जल चढ़ाया गया। कोतवाली चौक स्थित कुपेश्वरनाथ मंदिर के पंडित विजयानंद शास्त्री ने कहा कि सावन की पहली सोमवारी को बाबा का शृंगार किया गया। मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया था। यहां 33 दिवसीय रूद्राभिषेक चल रहा है।

मां बुढिय़ा काली स्थान शिवालय, राणी सती दादीजी मंदिर स्थित शिवालय सहित अन्य शिवालयों में भी हजारों श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। अन्य शिवालयों में भी सुबह से शाम तक भक्तों का तांता लगा रहा।

दिनेश्वराधाम, संतेश्वरनाथ मंदिर शिवपुरी, ड़ुब्बानाथ महादेव क्लबगंज सहित अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। स्टेशन चौक स्थित राधाकृष्ण ठाकुरबाड़ी बाबा का भव्य शृंगार पूजा मंदिर प्रबंधन की ओर से किया गया।

शिव पूजन से सुहागिनों को मिलेगा अखंड सौभाग्य

ज्योतिर्विद पं. सचीन कुमार दूबे ने कहा कि पहली सोमवारी को धनिष्ठा नक्षत्र व सौभाग्य योग होने से पुण्यकारी योग बन रहा है। इस योग में शिव को दूध, दही, घी, मधु, ईख के रस व गंगाजल आदि से अभिषेक कर फूल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, समी, अकवन पुष्प आदि से श्रद्धाभाव से पूजा करने से श्रद्धालुओं को आयु, आरोग्य, यश, वैभव का वरदान प्राप्त होता है। वहीं, सुहागन स्त्रियों को शिव-पार्वती की पूजन से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। घरों में ही पार्थिव पूजन भी विधान बताया गया है।

दूसरी व चौथी सोमवारी को सिद्धि योग

सावन मास की पहली सोमवारी को सौभाग्य योग, वहीं दूसरी व चौथी सोमवारी को सर्वार्थ सिद्धि योग विद्यमान रहेगा। शुक्ल पक्ष में अष्टमी-नवमी एक दिन होने से इस बार सावन 29 दिनों का होगा। सर्वार्थ सिद्धि योग में शुद्ध अंत:करण से भगवान सदाशिव की आराधना करने से मनचाहा वर मिलता है।

रुद्राभिषेक करने से कष्ट हर लेते हैं शिव

सावन मास के सोमवारी पर भगवान भोलेनाथ की पूजा में दूध तथा गंगाजल से अभिषेक व बेलपत्र अर्पण करने से श्रद्धालुओं के समस्त दोष मिट जाते हैं। इसके अलावा असाध्य रोगों से छुटकारा, पितृदोष से मुक्ति और व्यवसाय संबंधित समस्याओं में समाधान मिल जाता है। उन्होंने बताया कि महामृत्युंजय मंत्र और गायत्री मंत्र के साथ अभिषेक-पूजन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।


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