सृष्टि को बचाने के लिए प्रकृति की करें रक्षा
परमात्मा ने सभी जीवों को समान सुख दिया है। अभिमान छोड़ कर एक दूसरे के प्रति सेवा का भाव रखें।
भागलपुर। परमात्मा ने सभी जीवों को समान सुख दिया है। अभिमान छोड़ कर एक दूसरे के प्रति सेवा का भाव रखें। जीवन आनंदमय हो जाएगा। इससे मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होगा। ये बातें अर्चना कुमारी सिंह ने रविवार को श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन अपने प्रवचन के दौरान कही। न्यू शिवपुरी कॉलोनी हवाई अड्डा के पास कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
उन्होंने कहा कि सृष्टि को बचाने के लिए प्रकृति की रक्षा करें। इसके दोहन से हर संजीव प्राणियों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने कथा में कृष्ण सुदामा की मित्रता की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी मित्रता से सदैव सीख लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अच्छाई को ग्रहण करें। बुराई अपने आप दूर हो जाएगी। गोविंद मेरो है गोपाल मेरो है.. आदि भजनों पर श्रद्धालु खूब झूमे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में आदित्य सिंह, बिट्टू सिंह, निरंजन सिंह, रतन सिंह, रिंकू देवी, पंडित प्रवीण झा, मंजू देवी, सुनीता मिश्रा, सरिता झा और किसलय सिंह सहित अन्य का सक्रिय योगदान रहा।