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बिहारः पारस पर चिराग के करीबी सौरभ का चिट्ठी वार, कहा-BJP से गठजोड़ से कारण शुरू हुआ विवाद

केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान के करीबी सौरभ ने चुप्पी तोड़ते हुए एक पत्र सार्वजनिक किया है। इसमें पशुपति कुमार पारस को लेकर कई बातों का खुलासा किया है। साथ ही सांसद चिराग पासवान की तारीख की है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 05:21 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 05:21 PM (IST)
बिहारः पारस पर चिराग के करीबी सौरभ का चिट्ठी वार, कहा-BJP से गठजोड़ से कारण शुरू हुआ विवाद
सांसद चिराग पासवान और सौरभ पांडे। साभारः इंटरनेट मीडिया।

संवाद सहयोगी जमुई (भागलपुर)। लोक जनशक्ति पार्टी कुछ दिनों पहले विवादों को लेकर काफी चर्चा में रही। पशुपति पारस एवं चिराग पासवान गुट के बीच कई मुद्दों को लेकर राजनीतिक चर्चाएं गर्म होती रहीं। इन विवादों को लेकर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सौरभ पांडे पर सवाल उठता रहा। अब केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान के करीबी सौरभ ने चुप्पी तोड़ते हुए एक पत्र सार्वजनिक किया है। इसमें पशुपति कुमार पारस को लेकर कई बातों का खुलासा किया है। सौरभ पांडे ने लोक जनशक्ति पार्टी के गुटों के बीच चल रहे विवादों पर कहा कि पारस कृष्ण राज को भाजपा से चुनाव लड़ाना चाहते थे, इसी बात को लेकर परिवार और पार्टी में विवाद की शुरुआत हुई थी। 

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उन्होंने कहा कि सांसद चिराग पासवान चाचा पारस का सम्मान अपने पिता से कम नहीं करते हैं। रामविलास की पत्नी के मुंह से भी मैंने हमेशा पारस के लिए अच्छा सुना। सौरभ ने कहा कि चिराग पासवान पिता के निधन के बाद अकेले पड़ गए थे, ऐसे मैंने भाई और दोस्त के नाते उनका और बिहार का मार्गदर्शन करना मेरी जिम्मेदारी थी। उन्होंने कहा कि बिहार फर्स्ट सोच के कारण चिराग की आशीर्वाद यात्रा सफल रही। सौरभ ने कहा कि बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट से चिराग पासवान ने कोई समझौता नहीं किया और केंद्र में मंत्री बनने की भी परवाह नहीं की।

लगातार मिल रही थी मेरे खिलाफ बोलने की खबर

पत्र में सौरभ पांडे ने कहा है कि मैंने बिहार को ना सिर्फ अपनी बल्कि रामविलास पासवान की आंखों से भी देखा है। उन्होंने कहा कि समाचार के माध्यम से पारस के द्वारा मेरे खिलाफ बोले जाने की खबर लगातार मिलती रही। मैंने कभी कुछ नहीं कहा, परंतु रामविलास पासवान की बरसी के बाद मुझे लगा कि मैं अपनी स्थिति स्पष्ट कर दूं, ताकि आगे से आप कुछ बोलने से बचें।

एमपी-एमएलए बहुत, नेता कोई-कोई होता है

सौरभ पांडे ने कहा कि मैं इस बात को मानता हूं बिहार विधानसभा चुनाव में जो गठबंधन हुए वह मात्र खुद जीतने के लिए हुए। गठबंधन से बिहार को कोई लाभ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान अक्सर मुझसे कहा करते थे कि एमपी-एमएलए हजारों होते हैं लेकिन नेता कोई-कोई होता है। सौरभ ने कहा कि मुझे खुशी है कि उनका बेटा ऐसे ही नेताओं की श्रेणी में आ रहा है। 


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