Saharsa Panchayat Election: महिला वोटर होंगे निर्णायक, एक Click में जानिए पूरे जिले की कहानी
Saharsa Panchayat Election सहरसा के हर पंचायत में महिला वोटर निर्णायक हैं। महिला मतदाता जिनको वोट देंगी वही विजेता होगा। इसलिए प्रत्याशी महिला वोटरोंं को अपनी ओर करने में जुटे हुए हैं। इस बीच जिला प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
संवाद सूत्र, सहरसा। Saharsa Panchayat Election: पंचायत आम निर्वाचन 2021 में जिले में 11 लाख 18 हजार 585 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 578607 तथा महिला मतदाताओं की संख्या 539967 है। संख्या के लिहाज से पुरुष मतदाताओं की संख्या लगभग 35 हजार अधिक है, परंतु गांवों की स्थिति कुछ अलग है। वर्तमान समय में इन मतदाताओं ने जहां लगभग सभी महिलाएं उपलब्ध है, वहीं धनरोपणी के कारण हजारों मजदूर किस्म के पुरुष मतदाता दूसरे प्रदेश में पलायन कर चुके हैं, जो धनकटनी के बाद ही प्राय: वापस आते हैं। इससे पूर्व भी हजारों की संख्या में रोजी के लिए बड़ी संख्या में मजदूर दूसरे राज्यों में चले गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र से मिली जानकारीनुसार इस लिहाज से पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं का वोट भारी पड़ सकता है। प्रत्याशियों का भी मानना है कि इस पंचायत चुनाव में सभी सीटों के लिए महिलाएं ही निर्णायक साबित होगी। इसका फायदा लेने के लिए पुरूष प्रत्याशी भी अपने परिवार की महिलाओं को लेकर महिला मतदाताओं को मनाने के लिए घर-घर भ्रमण कर रहे हैं।
प्रखंडवार ममतदाताओं की स्थिति
प्रखंड- कुल मतदाता - पुरूष - महिला
कहरा- 84185- 43568- 40617
पतरघट- 95071- 49026- 46042
सत्तरकटैया- 106004- 54214- 51790
सौरबाजार- 133933- 69060- 64873
बनमा इटहरी- 60392- 31027- 29364
सिमरीबख्तियारपुर- 165356- 88197- 77157
महिषी- 145038- 74093- 70941
सलखुआ- 88730- 46137- 42592
नवहट्टा- 91907- 46901- 45006
बीते अन्य चुनावों में भी पुरूषों पर भारी रही महिलाएं
गरीबी व पलायन के कारण बीते लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी सहरसा विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र व सभी प्रखंडों में संख्या बल में थोड़ा पीछे रहने के बावजूद महिलाओं का वोट पुरूषों की अपेक्षा अधिक पड़ा। ऐसे में पंचायत चुनाव में भी सभी सीटों पर महिलाओं का झुकाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारतीय संविधान ने हर नागरिक को मताधिकार करने का समान हक दिया है, जिनकी संख्या व उपस्थिति अधिक होगी, नि:संदेह ही उस वर्ग का अधिक वोट पड़ेगा। - मो. सोहैल अहमद, उप निर्वाचन पदाधिकारी, सहरसा।