Move to Jagran APP

विजयादशमी उत्सव : RSS के स्वयंसेवकों ने किया पथ संचलन, राम मंदिर को लेकर कही यह बड़ी बात

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ ने भागलपुर में विजयादशमी उत्‍सव मनाया। इस दौरान गणवेशधारी स्‍वयंसेवकों ने पथ संचलन किया। कार्यक्रम में प्रांत कार्यवाह विनेश प्रसाद मुख्य वक्ता थे।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 07:59 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 08:31 PM (IST)
विजयादशमी उत्सव : RSS के स्वयंसेवकों ने किया पथ संचलन, राम मंदिर को लेकर कही यह बड़ी बात
विजयादशमी उत्सव : RSS के स्वयंसेवकों ने किया पथ संचलन, राम मंदिर को लेकर कही यह बड़ी बात

भागलपुर [दिलीप कुमार शुक्ला]। सामूहिक शक्ति से मां दुर्गा और भगवान राम ने आसुरी शक्ति पर विजय प्राप्त की। भगवान राम जब वन गए तो उन्होंने अपना अस्त्र-शस्त्र नहीं छोड़ा। क्योंकि उन्होंने संकल्प लिया था कि हम इस धरा को आसुरी शक्ति से विहिन करेंगे। इसी अवधारना और ध्येय को ध्यान में रखते हुए डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन की। आरएसएस अपनी शाखा के माध्यम से लोगों में चरित्र और देशभक्ति भाव निर्माण करता है। हिन्दू को जागृत करने के लिए दंड, तलवार, भाला, खड्ग, ढाल सहित योग, आसान, संचलन और नियुद्ध की शिक्षा देता है, ताकि वे दुश्मनों और देशहित में विघ्न पैदा करने वाले लोगों से मुकाबला कर सके। यह बातें आनंदराम ढांढनियां सरस्वती विद्या मंदिर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विजयादशमी उत्सव सह स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए दक्षिण बिहार प्रांत कार्यवाह विनेश कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि शिवाजी को अपनी मां ने तलवार भेंट की थी और वे 266 युद्ध जीते। 

loksabha election banner

विनेश प्रसाद ने कहा कि शिव की पूजा करनी हो तो शिव बनना होगा, उनके जैसा हलाहल विष भी पीनी होगी। राम को पूजा हो तो राम बनें, अपने अंदर रामत्व लाएं, तभी उनकी पूजा सार्थक होगी। विनेश प्रसाद ने कहा कि जब डॉ हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी तो उनका काफी उपहास हुआ था, इसके बाद उनका और संघ का विरोध शुरू हो गया। अब संघ का सभी समर्थन कर रहे है। उन्होंने कहा हमारा लक्ष्य तब तक पूरा नहीं होगा जब देश प्रत्येक हिन्दू भगवा ध्वज से नीचे नहीं आ जाए।

तेरा वैभव अमर रहे

विनेश प्रसाद ने कहा 'तेरा वैभव अमर रहे, हम दिन चार रहें न रहें'। डॉ. हेडगेवार कहा कि देश के लिए हमें जीना है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव राम सदाशिवराव गोलवलकर 'गुरुजी' ने केन्द्र सरकार को कई सुझाव दिए, जिससे देश सामर्थ्यवान होता। गुरुजी ने केन्द्र सरकार को शक्तिशाली राष्ट्र बनाने को कहा। उन्होंने केन्द्र सरकार को अगाह किया कि तुष्टीकरण नहीं करें।  लेकिन उनकी बात केन्द्र सरकार ने नहीं मानी और इसके परिणामस्वरूप 1962 में जब भारत चीन से युद्ध हार गया। यह युद्ध में स्वयंसेवकों ने सैनिकों का काफी साथ दिया। लेकिन देश की सैन्य शक्ति कमजोर थी। भारत युद्ध के लिए लड़ भी नहीं रहा था। कमजोर नेतृत्व और कम इच्छाशक्ति के कारण भारत की पराजय हुई। आरएसएस के सैनिकों का साथ देने और देशहित में कार्य करने के लिए 1963 के गणतंत्र दिवस समारोह में नई दिल्ली में आयोजित परेड में स्वयंसेवकों को भी शामिल किया गया।

राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक है राम मंदिर

कार्यक्रम के समाप्ति के बाद प्रांत कार्यवाह विनेश प्रसाद ने दैनिक जागरण को बताया कि राम मंदिर राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक है। अदालत, धर्मग्रंथ, जमीन संबंधी कागजात, पुरात्वविद सहित कई संस्थाओं से साबित हो चुका है कि अयोध्या में ही राम का जन्म हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत में कई और भी मंदिर हैं, जिसे मुगलों ने तोड़ा है। पहले हमलोग संगठित होकर अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाएंगे। इसके बाद संगठित हिन्दू समाज अन्य दिशा में पहल करेगी। आरएसएस इसके लिए हिन्दुओं को संगठित कर रहा है।

हिन्दुओं की संख्या घटना चिंता का विषय

प्रांत कार्यवाह विनेश प्रसाद ने कहा कि भारत के जिस क्षेत्र से हिन्दू की आबादी कम हुई है, वह क्षेत्र भारत से अलग हो गया है। वहां भारत विरोधी गतिविधि चलने लगी है। आतंकवाद का केन्द्र बन गया है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नीति का पालन सिर्फ हिन्दू ही करते हैं। सरकार को सभी वर्गों में जनसंख्या नीति का पालन करना चाहिए, ताकि समानता बनी रहे। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस तरह देश के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं, इससे भारत और मजबूत होगा। और भारत विश्वगुरु बनेगा।

स्वयंसेवक ने किया पथसंचलन

आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर से वाद्ययंत्रों के स्वर पर कदम से कदम मिलाते हुए गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया। भागलपुर नगर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण करते हुए स्वयंसेवक पुन: वहीं पहुंचे। यहां शस्त्र पूजन किया गया। सभी ने एक साथ स्वरबद्ध होकर प्रार्थना 'नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे' कर भारत को परम वैभव पर पहुंचाने का संकल्प लिया। मार्ग पर जगह जगह रंगोली बनी थी। स्वयंसेवकों पर लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे। 

उत्सव में हुए शामिल

विजयादशमी उत्सव में क्षेत्र शारीरिक प्रमुख अरुण कुमार, विभाग प्रचारक विजेन्द्र जी, विभाग व्यवस्था प्रमुख रतन भालोटिया, जिला कार्यवाह निर्भय कुमार, जिला प्रचार प्रमुख हरविन्द नारायण भारती, नगर कार्यवाह अजीत कुमार, सह नगर कार्यवाह श्रीधर मिश्र, विहिप नेता राकेश सिन्हा, योगी राजीव मिश्र आदि उपस्थित थे। इस दौरान आरएसएस के अलावा विद्या भारती, अभाविप, भाजपा, बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद आदि संगठनों के कार्यकर्ता भी मौजूद थे।

संचलन में शामिल थे तीन पीढ़ी के स्वयंसेवक 

बरारी के स्वयंसेवक योगी राजीव मिश्र के घर से तीन पीढ़ी के सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विजयादशमी उत्सव में शामिल हुए। योगी राजीव मिश्र घोष दल में प्रणव बजा रहे थे, तो वहीं उनके पिता रामनारायण मिश्र और पुत्र तनय कांधे पर दंड लेकर संचलन में शामिल थे। योगी राजीव मिश्र ने कहा कि उनके दादा स्व मधुसूदन मिश्र व स्व गणेशदास मिश्र भी स्वयंसेवक थे, जिनकी प्रेरणा वे और उनके भाई भी आरएसएस से जुड़े। यहां बता दें कि योगी राजीव मिश्र आरएसएस के तृतीय वर्ष शिक्षित स्वयंसेवक हैं। वे बिहार सहित अन्य राज्यों में प्रचारक भी रहे। इसके अलावा उन्होंने आरएसएस के अन्य कई दायित्वों का भी निर्वह्न किया। अब योगी राजीव का पूरा समय योग को समर्पित है। उन्होंने योग, आसान, प्रणायाम, साधना और ध्यान को जन—जन तक पहुंचने का संकल्प लिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.