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बौद्धिक सत्र में भागवत कहा, समाज में आरएसएस की स्वीकार्यता बढ़ी

संघ प्रमुख सोमवार को आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर में बौद्धिक वर्ग में बोल रहे थे। इस वर्ग में भागलपुर और बांका के करीब छह सौ से अधिक स्वयंसेवक कार्यकर्ता भाग ले रहे थे।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 09:04 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 09:04 PM (IST)
बौद्धिक सत्र में भागवत कहा, समाज में आरएसएस की स्वीकार्यता बढ़ी
बौद्धिक सत्र में भागवत कहा, समाज में आरएसएस की स्वीकार्यता बढ़ी

भागलपुर (जेएनएन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक (संघ प्रमुख) डॉ. मोहन मधुकर भागवत ने कहा है कि समाज में संघ की विचारधारा का प्रभाव बढ़ा है। समाज में आरएसएस की स्वीकार्यता बढ़ी है। संघ प्रमुख सोमवार को आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर में बौद्धिक वर्ग में बोल रहे थे। इस वर्ग में भागलपुर और बांका के करीब छह सौ से अधिक स्वयंसेवक कार्यकर्ता भाग ले रहे थे। उन्होंने कहा कि संघ का काम पहले भी व्यक्ति निर्माण ही था और आज भी यही है। उन्होंने कहा कि आज चुनौतियां बढ़ी हैं। पहले हम जब अपने संघ के श्रेष्ठ विचारों को समाज में रखते थे तो लोग इसे व्यवहार से अलग एवं दकियानुसी बताते थे किन्तु आज समय और परिस्थितियां बदली हैं। लोगों में संघ के प्रति भरोसा और विश्वास जगा है। उन्होंने कहा कि हम शक्तिशाली हुए हैं।

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संघ प्रमुख ने कहा कि कार्यकर्ता अपने आचरण, जीवन एवं कृत्य से समाज को भरोसे में लिया, इसकी वजह से संघ की पहचान समाज में स्थापित हुई। उन्होंने कहा कि समस्या कभी-कभी विकराल रूप धारण कर लेती है। संघ के लोगों से समाज को अपेक्षा है कि समस्याओं के समाधान के प्रति वे आगे आएं। त्रिपुरा का उदाहरण देकर कहा कि जब वहां काम बढ़ा तो लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते थे, लेकिन आज जब वहां संघ मजबूत हुआ तो लोग संगठन को स्वीकार्य करने लगे। अब लोग वहां संघ से जुडऩे के लिए होड़ लगा दिए हैं। उïत्तर-पूर्वी राज्यों में भी संघ का जनाधार पहले की तुलना में बढ़ी है। कहा कि अब संघ शाखा से बाहर किसी भी सामाजिक जीवन में प्रभावी भूमिका निभा सकता है। समाज में ऐसा विश्वास जागृत हुआ है। उन्होंने सामाजिक समरसता बनाए रखने पर भी बल दिया।

कहा कि आज आवश्यकता है कि हम स्वयंसेवक एक घंटे की नियमित और नित्य शाखा जाएं एवं हर स्वयंसेवक वर्ष में न्यूनतम एक स्वयंसेवक अवश्य बनाएं। तभी हमारा समाज श्रेष्ठ, शक्ति संपन्न एवं नैतिक मूल्यों से युक्त होगा। संघ प्रमुख ने इस सत्र में 'कार्यकर्ताओं का जीवन कैसा हो' विषय पर प्रकाश डाला। कहा कि स्वयंसेवक समाज को स्वच्छ और शक्ति संपन्न बनाने की दिशा में अग्रणी रहते थे। जिला प्रचार प्रमुख हरविंद नारायण भारती ने कहा कि इस सत्र में क्षेत्र संघचालक सिद्धिनाथ सिंह, सह क्षेत्र संघ चालक देवव्रत पाहन, विभाग संघचालक नरेश मोहन झा, नगर संघचालक डॉ. चंद्रशेखर साह, क्षेत्र प्रचारक रामदत्त चक्रधर, क्षेत्र संपर्क प्रमुख अनिल ठाकुर, प्रांत प्रचारक राणा प्रताप, क्षेत्र सेवा प्रमुख अजय कुमार, सह क्षेत्र प्रचारक रामनवमी, प्रांत प्रचार प्रमुख राजेश पांडेय सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।


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