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रोहिणी नक्षत्र: खेतों को संवारने में जुट गए किसान, 8 जून तक प्रवास पर रहेंगे सूर्य भगवान, जानिए क्या है नौतपा

रोहिणी नक्षत्र आज से शुरू हो रहे हैं। 14 दिनों के लिए भागवान सूर्य इस नक्षत्र में प्रवास करेंगे। वहीं नौतपा भी शुरू हो जाएगा। इधर किसान अपने खेतों को संवारने में जुट गए हैं। रोहिणी नक्षत्र के शुरू होते ही नए सीजन की खेती को हरी झंडी मिलती है...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 07:52 AM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 07:52 AM (IST)
रोहिणी नक्षत्र: खेतों को संवारने में जुट गए किसान, 8 जून तक प्रवास पर रहेंगे सूर्य भगवान, जानिए क्या है नौतपा
रोहिणी नक्षत्र 2014- 25 मई से शुरू होकर 8 जून तक।

संवाद सूत्र, चानन (लखीसराय) : 25 मई की शाम सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं। इसके साथ ही खेती के नए सीजन का भी समय प्रारंभ हो जाएगा। किसान इसकी तैयारी में जुटे हैं और खेत की जुताई करने में लग गए हैं। रोहिणी नक्षत्र के दौरान धान की नर्सरी खेतों में तैयार की जाएगी। रोहिणी नक्षत्र में धान का बीज डालने से रोपनी समयानुसार होता है। उपज भी लागत के अनुरूप अधिक मात्रा में होती है। इससे इस नक्षत्र में किसान धान बीज की नर्सरी तैयार करते हैं।

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पंडित चंचल मिश्रा वैद्य ने बताया कि 25 मई के शाम 07:09 बजे सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और आठ जून की शाम 06:30 तक इसी नक्षत्र में वे प्रवास करेंगे। उसके बाद मृगशिरा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। ऐसे किसान शुभ मुहूर्त 26 मई शुक्रवार तथा 31 मई बुधवार को कर सकते हैं। किसान रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत में ही उन्नत किस्म के धान बीज का चयन करने में जुटे हैं। बीज विक्रेताओं तथा कृषि विशेषज्ञ से बीज के बारे में पूछताछ कर रहे हैं।

किसान अभी से ही मोबाइल पर संबंधित लोगों से बीज, उर्वरक के बारे में जानकारी लेकर अपना काम करने की सोच रहे हैं। हालांकि, अभी नहर में पानी आने का इंतजार है। कई गांवों में कृषि के लिए बिजली की व्यवस्था सरकार ने कर दी है। लेकिन, नहर वाले सिंचित गांवों में अभी भी बिजली के खंभे खेतों तक नहीं पहुंचे हैं। इससे डीजल चालित पंप सेट का सहारा लेना मजबूरी है।

क्या होता है नौतपा?

सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा लग जाता है। नौतपा में सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती है। इसके चलते भीषण गर्मी पड़ने लगती है। हां, इस दौरान आंधी-तूफान की संभावना भी बढ़ जाती है। इस नक्षत्र के दौरान ठंडी चीजें दान करने से पुण्य मिलता है, ऐसा धर्मशास्त्री बताते हैं। गर्मी पड़ने से खेत जुताई करने योग्य हो जाते हैं। वहीं आने वाली बरसात को लेकर भी किसान अपने खेतों में तैयारी करने लगते हैं। यही कारण है किसानों को रोहिणी नक्षत्र का इंतजार रहता है।


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