ये कैसी इंजीनियरिंग? सड़कें नीची-नाले ऊपर, भागलपुर में जरा सी बरसात में स्वीमिंग पुल
भागलपुर में सड़क से ऊपर नाला बना दिया गया ऐसे में हल्की-फुल्की बारिश होने भी पानी जमा होने लगता है। पानी निकासी नहीं हो पाने के कारण शहर के कई हिस्से बन तालाब बन जाते हैं। छोटी-छोटी नालियों को आउट फाल से नहीं जोड़े जाने से समस्या बढ़ गई है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर के ज्यादातर हिस्सों में नालों को सड़क से ऊपर बना दिया गया है। इसकी वजह से हल्की-फुल्की बारिश होने पर भी पानी सड़क और उसके पास जमा हो जाता है। बिना मास्टर प्लान के नाला निर्माण और मोहल्ले की छोटी-छोटी नालियों को आउटफाल से नहीं जोड़े जाने के कारण यह समस्या खड़ी हो रही है। जिसकी वजह से चंद घंटों की बारिश में सैंडिस कंपाउंड सहित शहर के कई हिस्सों में तालाब बन जाते हैं। इससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को हुई बारिश में भी कई जगह जलजमाव की समस्या हो गई। सड़क पर बिखरी पड़ी मिट्टी से हो रही फिसलन ने लोगों की समस्या और बढ़ा दी।
शहर में 19 वर्षों के दौरान करीब 200 करोड़ की लागत से आठ से अधिक नालों का निर्माण कराया जा चुका है। पर इन्हें मुख्य नालों से नहीं जोड़ने के कारण सभी अनुपयोगी हो गए हैं। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने 22 जुलाई को सभी 14 हथिया नाला से अतिक्रमण हटाने और सघन अभियान चलाकर उड़ाही का निर्देश दिया था। इसके बावजूद अभी तक सिर्फ इशाकचक मार्ग में नाले की ही उड़ाही शुरू हो पाई है।
- 51 वार्डों में 800 से अधिक नालों के निर्माण में बह गए करोड़ों रुपये, अब भी सड़कों पर ही बह रहा पानी
- 14 हथिया नाला भरा हुआ है कूड़ा और गाद से
- 04 दशक बाद भी उड़ाही की नहीं बनाई गई मुकम्मल कार्ययोजना
बुडको ने सड़क से ऊंचा बना दिया आउट फाल
शहरी क्षेत्र में वर्षा जल निकासी के लिए अमृत मिशन योजना की 34 करोड़ की लागत से आउट फाल का निर्माण करा रहा है। सतत निगरानी नहीं होने से डीपीआर से इतर नालों का निर्माण जारी है। जबकि योजना के तहत जलजमाव से निजात दिलाना था। सड़क के ऊंचा नाला निर्माण कराए जाने से आदमपुर चौक व राधा रानी सिन्हा मार्ग के कई घरों का निकास प्रभावित हो गया है। सराय मार्ग की भी यही स्थिति है। मेयर सीमा साहा ने नाला निर्माण की गुणवत्ता पर विभागीय बैठक व उपमुख्यमंत्री के समक्ष शिकायत दर्ज करा चुकी हैं।
बिना लेवल के बना नाला
शहर में नगर निगम द्वारा कराया जा रहा नाला निर्माण कार्य भगवान भरोसे चल रहा है। निगम के अभियंताओं और वार्ड पार्षदों की मिलीभगत से यह पूरा खेल चल रहा है। नाथनगर के कौवाकोली मार्ग में सड़क से दो फीट ऊंचा नाला निर्माण करा दिए जाने से सड़क पा सालों भर पानी जमा रहता है। जबकि इस मार्ग से होकर तीन इंटर स्तरीय विद्यालय की पांच हजार छात्र-छात्राओं के साथ राहगीरों को नाले की दीवार से होकर गुजरना पड़ रहा है।
यही हाल नाथनगर के गढ़कछारी लेन का भी है। बिना लेवल के नाला निर्माण कराने से निकास प्रभावित हैं। सड़क पर हमेशा जलजमाव की समस्या है। सुरखीकल मेाहल्ले में भी जैसे-तैसे नाला निर्माण करा दिया गया है। नाले पर स्लैब देने की जगह पूरे नाले की ढलाई कर दी गई। इससे निकासी के साथ उड़ाही की भी समस्या खड़ी हो गई है। बरारी श्मशान घाट मार्ग की भी यही स्थिति है। वार्ड 49 और वार्ड तीन के चंपानगर मस्जिद लेन में जलनिकासी की समस्या है।
बारिश से बिगड़ी सड़कों की सूरत
गुरुवार को हुई बारिश से कई जगह जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है। इशाकचक थाना मार्ग में घुटने भर जमा हो गया है। इससे राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा ह। भोलानाथ अंडरपास, शीतला स्थान चौक से गोराडीह मुख्य मार्ग के बीच रेलवे अंडरपास व नाथनगर-रामपुर रेलवे अंडर पास में जलभराव से आवाजाही प्रभावित हुई। लोहापट्टी से डिक्सन मार्ग के बीच कीचड़ से सनी सड़क पर लोगों को गुजरना पड़ा।
इशाकचक मार्ग में नाले की सफाई कर गाद सड़क पर छोड़ दिया गया था। बारिश हुई तो सड़क पर कीचड़ फैल गया। इससे भी अधिक परेशानी बुडको द्वारा जलापूर्ति पाइप बिछाने के बाद सड़क पर मिट्टी छोड़ देने से हुई। बारिश के बाद मिट्टी कीचड़ के रूप में सड़क पर फैल गई। साहेबंगज से सराय मार्ग, बरारी मुख्य मार्ग व नाथनगर मुख्य मार्ग में राहगीरों को कीचड़ से पटी सड़क पर चलना पड़ रहा है। कई लोग फिसलकर चोटिल भी हो चुके हैं।