विक्रमशिला सेतु पर 70 घंटे से लगा है महाजाम, भागलपुर-हंसडीहा मार्ग पर भी रेंग रही हैं गाडिय़ां Bhagalpur News
सेतु पर वाहनों का काफी दबाव बढ़ गया है। वाहनों के खराब होने के साथ ओवरटेक की प्रवृति से भी जाम की समस्या खड़ी हो रही है। मंगलवार को भी जाम लगने का यही कारण रहा।
भागलपुर [जेएनएन]। विक्रमशिला सेतु पर 70 घंटे से जाम लगा हुआ है। शनिवार सुबह पांच बजे सेतु पर जाम लगा था। सोमवार को भी जाम लगा रहा। मंगलवार सुबह तक जाम देखा गया। इसका असर शहर की सड़कों पर पड़ा। जगदीशपुर से नवगछिया एनएच-31 और सबौर तक गाडिय़ों की कतार लगी रही। जाम की वजह से पूर्णिया, कटिहार, बेगूसराय, खगडिय़ा जाने वाले कई लोगों को अपनी यात्रा स्थगित करना पड़ा। वहीं, चार एंबुलेंस और कई बरात गाडिय़ां भी जाम में घंटों फंसी रहीं। सेतु पर जाम लगने का मुख्य कारण वाहनों के खराब होने, लग्न को लेकर 25 हजार अतिरिक्त गाडिय़ों का दबाव बढऩे व ओवरटेक है।
रविवार रात दस बजे के बाद वन-वे कर गाडिय़ों का परिचालन शुरू कराया गया था, लेकिन बार-बार जाम लग रहा था। वहीं, सोमवार को सुबह सेतु पर दो ट्रक और एक बोलेरो के खराब होने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गई। इसी बीच आगे निकलने की होड़ में सेतु पर गाडिय़ों की चार लाइनें बनने से जाम की समस्या और गंभीर हो गई। खराब वाहनों को ठीक कराने के बाद शाम को किसी तरह परिचालन शुरू कराया गया, लेकिन बार-बार जाम लग रहा था। मंगलवार सुबह भी जाम के कारण लोग परेशान हैं। सेतु पर वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है।
घंटाघर से कचहरी तक लगा रहा जाम
शहर में भी सोमवार को घंटाघर से कचहरी चौक और पुलिस लाइन तक, कचहरी चौक से भीखनपुर, डॉ. आरपी रोड से खलीफाबाग और तिलकामांझी से जेल रोड तक जाम लगा रहा। जाम में स्कूली वाहन और एंबुलेंस भी फंसी रही। घंटों जाम के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। ट्रैफिक डीएसपी आरके झा ने कहा कि ओवरटेक करने वाले दस गाडिय़ों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है।
सेतु पर वाहनों का काफी दबाव बढ़ गया है। वाहनों के खराब होने के साथ ओवरटेक की प्रवृति से भी जाम की समस्या खड़ी हो रही है। मंगलवार को भी जाम लगने का यही कारण रहा। इस बीच वन-वे कर वाहनों का परिचालन जारी रखा गया। -आशीष भारती, एसएसपी भागलपुर।
घंटों जाम से विक्रमशिला सेतु व स्थाई बाइपास को पहुंच रहा नुकसान
जाम में भारी वाहनों के एक जगह घंटों खड़े रहने और 50-100 फीट पर बार-बार गाडिय़ों में ब्रेक लगने से विक्रमशिला सेतु और स्थाई बाइपास को नुकसान पहुंच रहा है। सेतु और बाइपास की सड़कें टूट गई है। सड़कों में जानलेवा गड्ढे बन गए हैं। इसके कारण आवागमन की समस्या तो खड़ी होती ही है, दुर्घटना की भी प्रबल संभावना बनी रहती है। जाम की यही स्थिति बनी रही तो सेतु के अस्तित्व पर खतरा मंडरा सकता है।
रखरखाव के अभाव में और प्रतिदिन घंटों जाम लगने के कारण में वर्ष 2001 में चालू हुए विक्रमशिला सेतु का अस्थि-पंजर हिल गया था। पुल निर्माण निगम, खगडिय़ा की देखरेख में एक साल पूर्व 14 करोड़ खर्च कर करोड़ खर्च कर सेतु की मरम्मत कराई गई थी। एक्सपेंशन ज्वाइंट और बेयरिंग बदली गई थी। खोदकर नए सिरे से सड़क बनाई गई थी। सड़क में मास्टिक एसफाल्ट बिछाई गई थी। जिसमें डेढ़ करोड़ रुपये की लागत आई थी। लेकिन वाहनों का दवाब नहीं झेल सकी। सड़क जर्जर हो गई। वहीं 235 करोड़ की लागत से निर्मित स्थाई बाइपास को छह माह पूर्व चालू किया गया था। घंटों जाम लगने और बार-बार गाडिय़ों में ब्रेक लगने से बाइपास को भी नुकसान पहुंचा है। सड़क जर्जर हो गई है। दिन ढलने के बाद अंधेरे में सड़कों के गड्ढे दिखाई नहीं पडऩे से दुर्घटना की प्रबल संभावना बनी रहती है।
पुल निर्माण निगम के वरीय परियोजना अभियंता राम सुरेश राय ने कहा, घंटों वाहनों के एक जगह खड़े रहने और बार-बार ब्रेक लगने से सड़क को नुकसान पहुंचना स्वाभाविक है। इससे एक्सपेंशन ज्वाइंट और स्लैब पर असर पड़़ सकता है। जल्द सड़क की मरम्मत कराई जाएगी।