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खगडिय़ा में कोसी और बागमती अब भी उफान पर, खतरे के निशान से एक मीटर तक जलस्तर ऊपर, अब भी वृद्धि जारी

खगडि़या में कोसी और बागमती दोनों उफान पर है। इससे लोग सहमे हुए हैं। गुरुवार को कोसी यहां खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही थी। साथ ही जलस्‍तर में बढ़ोतरी का सिलसिला भी जारी है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 05:00 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 05:00 PM (IST)
खगडिय़ा में कोसी और बागमती अब भी उफान पर, खतरे के निशान से एक मीटर तक जलस्तर ऊपर, अब भी वृद्धि जारी
खगडि़या में कोसी और बागमती दोनों उफान पर है।

जागरण संवाददाता, खगडिय़ा। कोसी का बढऩा जारी है। कोसी खगडिय़ा के बलतारा में खतरे के निशान से गुरुवार को एक मीटर 24 सेमी ऊपर बह रही थी। गुरुवार को कोसी का जलस्तर यहां 35.09 मीटर दर्ज किया गया। बीते 24 घंटे के दौरान कोसी के जलस्तर में 19 सेमी की वृद्धि हुई है। टेडेंसी राइङ्क्षजग है। इससे लोग सहमे हुए हैं। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर बांधों की निगरानी का काम जारी है।

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= आज फ्लड फाइङ्क्षटग फोर्स के अध्यक्ष लेंगे अग्रहण का जायजा, इसके बाद यहां शुरू होगा फ्लड फाइङ्क्षटग कार्य

बागमती खतरे के निशान से दो मीटर 15 सेमी ऊपर

बागमती गुरुवार को स्थिर थी। लेकिन खतरे के निशान से अब भी काफी ऊपर है। खगडिय़ा के संतोष स्लूईस के पास बागमती खतरे के निशान से दो मीटर 15 सेमी ऊपर थी। जबकि बूढ़ी गंडक घट रही है और खतरे के निशान से काफी नीचे है। बूढ़ी गंडक खगडिय़ा में खतरे के निशान से एक मीटर 62 सेमी नीचे है। गंगा स्थिर थी और खतरे के निशान से अभी एक मीटर 37 सेमी नीचे है।

अधिकारियों ने लिया कटाव का जायजा

बागमती जिले के अलौली प्रखंड स्थित उत्तरी बोहरवा और चौथम के ठुठी मोहनपुर पंचायत स्थित अग्रहण में तेजी से कटाव कर रही है। गुरुवार को बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो, खगडिय़ा के कार्यपालक अभियंता गणेश प्रसाद ङ्क्षसह, विभागीय एसडीओ राजेश कुमार, जेई मणिकांत पटेल, सदर एसडीओ धर्मेंद्र कमार, चौथम सीओ भरत भूषण ङ्क्षसह ने अग्रहण का दौरा किया। अधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत की। जानकारी अनुसार अब तक यहां लगभग एक दर्जन घर नदी में विलीन हुए हैं।

शुक्रवार को फ्लड फाइटिंग फोर्स के अध्यक्ष ई शैलेश कुमार सिंह अग्रहण का जायजा लेंगे। इसके बाद यहां विलेज प्रोटेक्शन स्कीम के तहत फ्लड फाइटिंग कार्य कराया जाएगा। अग्रहण बीएन तटबंध के भीतर 11 किलोमीटर के सामने है। -गणेश प्रसाद सिंह, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण अंचल खगडिय़ा।


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