Move to Jagran APP

आरटीई को लेकर मांगी रिपोर्ट

भागलपुर। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के क्रियान्वयन में कई झोल हैं। इस अधिनियम यह प्र

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 10:08 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 10:08 PM (IST)
आरटीई को लेकर मांगी रिपोर्ट
आरटीई को लेकर मांगी रिपोर्ट

भागलपुर। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के क्रियान्वयन में कई झोल हैं। इस अधिनियम यह प्राविधान किया गया है कि प्रत्येक निजी विद्यालय कुल 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों का नामांकन लेंगे। इन बच्चों की फी, किताब, ड्रेस आदि का खर्च राज्य सरकार वाहन करेगी, लेकिन गरीब बच्चों को इस योजना का लाभ सही तरीके से नहीं मिल पा रहा है। जिला में 161 निजी विद्यालय विभिन्न बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं। कुछ विद्यालय बिहार बोर्ड, से तो कई सीबीएसइ और आइसीएसइ से संबद्ध हैं। इन सभी विद्यालयों को प्रत्येक वर्ष 25 प्रतिशत गरीब छात्रों का नामांकन करना है। छात्रों की फी के लिए शिक्षा विभाग के पास दावा भी करना है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में मात्र 65 विद्यालय ने ही अब तक शिक्षा विभाग में विहित प्रपत्र में रिपोर्ट जमा किया है। जिसमें 15 विद्यालयों द्वारा जमा किए गए रिपोर्ट अधूरे हैं। ऐसे में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान ने ऐसे सभी 15 निजी विद्यालयों से अविलंब पूर्ण ब्यौरा के साथ प्रतिवेदन जमा करने को कहा है। 96 विद्यालयों ने अभी तक विभाग के पास दावा नहीं किया है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या इन विद्यालयों ने आइटीई के तहत 25 प्रतिशत गरीब बच्चों का नामांकन नहीं लिया। अगर नामांकन लिया गया, तो इन विद्यालयों द्वारा विभाग के पास रिपोर्ट क्यों नहीं जमा की जा रही है।

loksabha election banner

तस्वीर का दूसरा पहलू और भी स्याह है। विभाग के एक कर्मी ने बताया कि वर्ष 2016 से अब तक आरटीई मद में विभाग से राशि ही नहीं आई है।

-----------------------------

बोले अधिकारी

अगले वित्तीय वर्ष का बजट तैयार करने के लिए सभी निजी विद्यालयों से यह रिपोर्ट मांगी गई है कि आपके यहां नामांकन के लिए कितनी सीट है, उपलब्ध सीट के विरुद्ध आपने आरटीई के तहत कितने गरीब बच्चों का नामांकन लिया है।

रिपोर्ट उपलब्ध कराने में निजी विद्यालय संचालक उदासीनता बरत रहे हैं। सभी विद्यालयों द्वारा रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन रिपोर्ट उपलब्ध कराने में देरी की जा रही है। राशि उपलब्ध होने के बाद विद्यालय के खाते में फी की राशि भेजी जाती है। जो विद्यालय रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराएंगे, अगले वित्तीय वर्ष में वे इस योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे।

- देवनारायण पंडित, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.