दशहरा 2022: कर्ण की धरती नाथनगर में 176वीं बार होगा रावण दहन, CTS ग्राउंड में की जाएगी भव्य आतिशबाजी
बिहार के भागलपुर में कर्ण की धरती नाथनगर में रावण पुतला दहन की तैयारी जोर शोर से की जा रही है। मंगलवार को हुई बारिश के बाद सीटीएस ग्राउंड में जलजमाव हो गया था। वहीं पुतला खड़ा नहीं हो सका था। यहां 175 वर्षों से पुतला दहन हो रहा है।
संवाद सूत्र, नाथनगर : दानवीर कर्ण की धरती नाथनगर के सीटीएस मैदान में इस बार पूरी भव्यता से रावण दहन का कार्यक्रम बुधवार की शाम आयोजित होगा। धार्मिक आस्था से जुड़े इस कार्यक्रम को देखने के लिए भारी संख्या में दूरदराज से लोग आते हैं। इधर जिला प्रशासन ने भी रावण दहन कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया है। श्रद्धालुओं के बीच इस कार्यक्रम की भव्यता और आकर्षण को बढ़ाने के लिए इस बार 35 फीट का रावण, 30 फीट का कुंभकरण और 25 फीट का मेघनाद का पुतला बनाया गया है।
रैफ, सैफ और महिला फोर्स के जिम्मे सुरक्षा
रावण दहन कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। वहां एक गोलाकार बनाया गया है,जिसमे चारो तरफ से लाइट की व्यवस्था की गई है।सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है।आने जाने के लिए दोनो गेट के साथ अजय द्वार भी खोला गया है। रैफ, सैफ और महिला फोर्स की तैनाती की गई है। अग्निस्मक और एम्बुलेंस भी एहतियात के तौर पर रखा जाएगा। बता दें कि जिले में रावण दहन का सबसे भव्य आयोजन सीटीएस में ही होता है।
पार्किंग की भी मुकम्मल व्यवस्था
वाहन और बाइक से आने वाले लोगों के लिए पार्किंग की भी मुकम्मल व्यवस्था की गई है। इसके लिए आयुर्वेदिक कॉलेज के बगल में सीटीएस परिसर में ही वाहन लगाने की व्यवस्था की गई है।
डीएम-एसपी भी होंगे शामिल
एक घंटे के इस भव्य कार्यक्रम में डीएम, एसएसपी,एसडीओ सहित अन्य पदाधिकारी भी शामिल होंगे। आतिशबाजी भी होगी। जिसका भारी संख्या में श्रद्धालु आनंद लेंगे।
- सीटीएस मैदान में पूरी भव्यता के साथ होगा रावण दहन
- - सीटीएस मैदान में इस बार 35 फीट का रावण, 30 का कुंभकरण और 25 फीट के मेघनाद का बनाया प्रतिरूप
- - 175 वर्षों से सीटीएस मैदान में होता आ रहा है रावण दहन,
- बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस धार्मिक कार्यक्रम का लेते हैं आनंद
आज शाम से प्रतिमाओं का होगा विसर्जन
नाथनगर में दस शहरी क्षेत्र का प्रतिमा है और दस ग्रामीण क्षेत्रों में है। कुल 20 प्रतिमा है,ग्रामीण क्षेत्र का प्रतिमा गांव के ही तालाब में विसर्जित किए जाते हैं। 11प्रतिमा शहरी क्षेत्र का जो है ,उसमे पांच प्रतिमा जो बंगला रीति रिवाज से पूजा होती है।वह बुधवार को ही विसर्जित होगा। महाशय ड्योढी,गोपीनाथ घोष, सूजापुर,लक्ष्मीकांत आचार्य लेन का प्रतिमा,चमरू साह लेन का प्रतिमा यह सब बुधवार को ही विसर्जित हो जायेगी। गुरुवार को छह प्रतिमा का विसर्जन शोभायात्रा ललमटिया चौक से लेकर चंपा पुल तक निकाला जाएगा। शाम पांच बजे से विसर्जन शोभा यात्रा निकाली जाएगी ,जो देर रात्रि तक विसर्जित किया जाएगा। मोहनपुर की प्रतिमा का भी विसर्जन लालुचक घाट में किया जाएगा।