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रहमत व मगफिरत का महीना रमजान आज से

भागलपुर। रहमत व मगफिरत का महीना रमजान मंगलवार से शुरू हो रहा है। सोमवार को चांद दिखने

By Edited By: Published: Tue, 07 Jun 2016 02:32 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jun 2016 02:32 AM (IST)
रहमत व मगफिरत का महीना रमजान आज से

भागलपुर। रहमत व मगफिरत का महीना रमजान मंगलवार से शुरू हो रहा है। सोमवार को चांद दिखने के बाद लोगों ने एक-दूसरे को मुबारकबाद दी। खानकाह शहबाजिया से मिली खबर के मुताबिक रमजान मुबारक का चांद साफ नजर आया। भागलपुर के आसपास के जिलों में भी चांद देखे जाने की खबर मिली है। मंगलवार से रमजान का रोजा शुरू हो गया।

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इस्लामी साल का नौवां महीना रमजानुल मुबारक आज से शुरू हो गया। रमजान का महीना हजारों महीनों से बेहतर है। इसका पहला दस दिन (अशरा) रहमत का है। दूसरा मगफिरत और तीसरा जहन्नम से निजात का है। इसी महीने की एक रात शबे कद्र है। जो हजारों महीनों से बढ़कर है। इस महीने में करने वाली नेकी का बदला खुद अल्लाह देता है। इस मुबारक महीने के इस्तकबाल के लिए रोजेदार तैयार हैं। मूस्लमानों ने रमजान में इबादत और कुरान की तिलावत के लिए तैयारी कर ली है।

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रमजान के लम्हों को बर्बाद न करें : सैयद शाह इंतखाब आलम शहबाजी

खानकाह शहबाजिया के सज्जादा नशीन हजरत सैयद शाह इंतखाब आलम शहबाजी ने कहा है कि इस मुबारक महीने की बड़ी अजमत है। इस में अल्लाह अपने बंदों को नेक अमल का ईनाम खुद देता है। उन्होंने रोजेदारों से कहा है कि इस महीने के एक-एक लम्हें की कद्र करें। रोजे का मकसद बंदों को नेकी और परहेजगारी की तरफ बुलाना है। रमजान का रोजा फर्ज है। इस महीने की बरकत से फायदा उठाएं और ज्यादा से ज्यादा समय कुरान, तसबीह पढ़े और नेक अमल करें।

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पूरे महके तरावीह पढ़े: सैयद हसन मानी

खानकाह पीर दमड़ीया शाह के सज्जादानशीन मौलाना सैयद शाह हसन मानी ने रमजान की मुबारक बाद देते हुए कहा है कि रमजान में पूरे महीने की तरावीह पढ़नी चाहिए। इस महीने में एक नेकी का बदला हजारों में अल्लाह देता है। ये महीना रहमत, मगफिरत, जहन्नम से निजात का है। रमजान में बंदे का रिज्क बढ़ा दिया जाता है। उन्होंने रोजेदार से अपील की कि कुरान सुनने के बाद सूरह तरावीह का एहतमाम करें। पूरे महीना तक पढ़ें। साथ ही उन्होंने कहा कि रमजान में अपनी दिनचर्या को बदलें।

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रोजा रखने का फायदा

रोजा रखने से शारीरिक और अध्यात्मिक ताकत हासिल होती है। इससे पूर्व के गुनाह माफ कर दिए जाते है। फरिशते रोजेदारों की दुआ पर आमीन कहते हैं। दरिया की मछलियां रोजेदारों के लिए शाम तक मगफिरत की दुआ करती हैं। रोजेदार के लिए रोजाना सत्तर हजार फरिशते भी मगफिरत की दुआ करते हैं। इस अवसर पर कबीरपुर मस्जिद के इमाम मौलाना मासूम सिद्धिकी कहते हैं कि रोजा रखने से इंसान कमजोर नहीं होता हैं उसकी शारीरिक और अध्यात्मिक ताकत अल्लाह बढ़ा देता है।

क्या नहीं करना है

गुस्सा से बचना है। बुरी बात नहीं कहना। ज्यादा देर तक दिन में नहीं सोना। झूठ, चुगलखोरी, दिल नहीं दुखानी चाहिए।

क्या करना चाहिए

कुरान की तिलावत करना। पांचों वक्त की नमाज की पाबंदी करना। कसरत से दरूद पढ़ना। गरीबों का ख्याल रखना। सदका जकात निकालना।

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रमजान को लेकर बाजार में फलों की बिक्री बढ़ने के साथ उसकी कीमत में भी बढ़ोत्तरी हो गई है।

फलों का दर

तरबूज : 20-24 रुपये किलो

खरबूज : 50 रुपये किलो

अमरूद : 80 रुपये किलो

पपीता : 50 रुपये किलो

अनानास : 50-60 रुपये पीस

सपाटू : 100 रुपये किलो

अंगूर : 110-125 रुपये किलो

अनार : 110-120 रुपये किलो

सेब चाइना : 130 रुपये किलो

सेब आस्ट्रेलिया : 150 रुपये

नारंगी : 100 रुपये

खजूर : 100-352 रुपये किलो

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कहां कितने दिन की तरावीह

खानकाह शहबाजिया : 15 दिन

तातारपुर मस्जिद : नौ दिन

हबीबपुर गार्डेन हाउस : पांच दिन

जब्बारचक शाही मस्जिद : आठ दिन

शाहजंगी ईदगाह : 15 दिन

कबीरपुर : 14 दिन

पीर दमड़िया : सात दिन

भीखनपुर : 15 दिन

बरेहपुरा : 27 दिन

तिलकामांझी : 15 दिन

खंजरपुर : 15 दिन

कचहरी : सात दिन


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