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Ram Vilas Paswan passed away : रामविलास बाबू ने मंत्री बनते ही घर में लगवा दिए दो फोन

Ram Vilas Paswan passed away राम विलास पासवान ने मुंगेर के आरडी एंड डीजे कॉलेज में कुछ दिनों तक की पढ़ाई की थी। वे बांके बिहारी को अपना गुरु मानते थे। काफी सरल स्वभाव के रामविलास पासवान थे। उनका मुंगेर से काफी गहरा नाता है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 11:02 AM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 11:02 AM (IST)
Ram Vilas Paswan passed away : रामविलास बाबू ने मंत्री बनते ही घर में लगवा दिए दो फोन
राम विलास पासवान का मुंगेर से काफी गहरा संबंध था।

मुंगेर, जेएनएन। Ram Vilas Paswan passed away : केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान नहीं रहे। आठ अक्‍टूबर 2020 को उनका निधन हो गया। रामविलास पासवान का मुंगेर से गहरा नाता रहा। उन्होंने कुछ दिनों तक आरडी एंड डीजे कॉलेज में भी पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान वे बांके बिहारी के कटघर स्थित घर पर रहते थे। रामविलास पासवान के निधन की खबर से बांके बिहारी के पुत्र अरुण चंद्र दास, उनके पौत्र नरेंद्र पासवान आदि दुखी थे। अरुण चंद्र दास टीबी पर समाचार देख रहे थे।

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अरुण चंद्र दास ने कहा कि मेरे पिताजी बांके बिहारी स्वतंत्रता सेनानी थे। उस समय कल्याण विभाग में एक छात्रवृत्ति समिति हुआ करती थी। पिताजी समिति के सदस्य भी थे। रामविलास जी के पिताजी भी कटघर आए थे और रामविलास जी को छात्रवृत्ति दिलवाने का अनुरोध किया था। बाद में वे देश के बड़े नेता बन गए। मुंगेर आने पर वह कघटर जरूर आते थे। नरेंद्र पासवान ने कहा कि दादा जी के साथ उनका गुरु और शिष्य का संबंध था। मुंगेर आने पर वे दादा जी से जरूर मिलने आते थे। एक बार मैं बाजार गया था। अचानक वे मेरे घर आ गए। मैं जब घर लौट रहा था, तो पुलिस ने मुझे कटघर अंबेडकर चौक के समीप रोक दिया।

पुलिस वालों ने कहा कि नेताजी के जाने के बाद ही उधर जाने दूंगा। मेरे पिताजी जगदीश कुमार उर्फ दीपक पासवान से भी उनका मित्रवत संबंध था। संचार मंत्री बनने पर उन्होंने मेरे घर में दो टेलीफोन लगवा दिए। पिताजी को दूर संचार सलाहकार समिति का सदस्य भी बनवा दिया था। जनवरी 2003 में दादा जी का निधन हो गया। तब वे मुंगेर आए। मेरे घर पर बैठ कर उन्होंने खाना खाया। वहीं, पांच हजार रुपये न्यौता के रूप में दिया। नरेंद्र पासवान ने कहा कि बड़े नेता होने के बाद भी उनका व्यक्तित्व काफी सरल था।


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