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Ram Mandir Bhumi Pujan : सुपौल के कामेश्वर चौपाल ने रखी थी श्रीराम मंदिर निर्माण की पहली ईंट

Ram Mandir Bhumi Pujan अयोध्‍या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए आधा‍रशिला आज रखी गई। इस दिन यह भी जानना जरुरी है कि कमेश्‍वर चौपाल ने 1989 में पहली ईंट रखी थी।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 12:43 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 04:07 PM (IST)
Ram Mandir Bhumi Pujan : सुपौल के कामेश्वर चौपाल ने रखी थी श्रीराम मंदिर निर्माण की पहली ईंट
Ram Mandir Bhumi Pujan : सुपौल के कामेश्वर चौपाल ने रखी थी श्रीराम मंदिर निर्माण की पहली ईंट

सुपौल, जेएनएन। Ram Mandir Bhumi Pujan :  सुपौल के कामेश्वर चौपाल ने श्रीराम मंदिर निर्माण की पहली ईंट 1989 में रखी थी। सरयू तट पर मंदिर निर्माण का संकल्प लिया गया था। अयोध्या में पांच अगस्‍त 2020 को मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन को लेकर जिले में जबरदस्त उत्साह है। भूमि पूजन को लेकर यहां के मंदिरों में रामायण पाठ और पूजा की विशेष व्यवस्था की गई है। शाम में घरों में दीए जलाकर दिवाली सी खुशियां मनाई जाएगी। मंदिर निर्माण के लिए विभिन्न मंदिरों से मिट्टी, नदियों का जल और चांदी की ईंट भेजी गई है तो लोगों का दल भी अवधपुरी के लिए रवाना हुआ है।

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आह्लादित हैं लोग : श्री चौपाल द्वारा पहली ईंट रखे जाने के बाद मंदिर निर्माण की शुरुआत होने से तो लोग आह्लादित हैं। साथ ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की ससुराल मिथिला होने के कारण लोगों का उत्साह अधिक ही है। हर जगह भूमि पूजन को लेकर विशेष तैयारी हो रही है। लगभग सभी मंदिरों में तैयारियां चल रही हैं। बता दें कि भगवान श्रीराम की ससुराल जनकपुर है जो कभी मिथिला की राजधानी हुआ करती थी। सुपौल भी मिथिला का अंग था।

कोसी का जल और मंदिरों की मिट्टी पूजन में होगी शामिल : मंदिर निर्माण की पहली ईंट रखने वाले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के न्यासी सुपौल जिले के मरौना प्रखंड के कमरैल निवासी कामेश्वर चौपाल के साथ कोसी, खैरदाहा, तिलयुगा, कमला आदि नदियों के जल और तिल्हेश्वर स्थान, भीमशंकर स्थान, कपिलेश्वर स्थान आदि मंदिरों से मिट्टी मंदिर निर्माण के लिए विभिन्न संगठनों द्वारा भेजी गई है। सिमराही से 15 किलोग्राम की चांदी की ईंट भी भेजी गई है।

श्रीराम जन्‍मभूमि आंदोलन से जुड़े रहे हैं कामेश्‍वर

कामेश्वर चौपाल शुरू से ही श्रीराम जन्‍मभूमि आंदोलन से जुड़े रहे हैं। आरएसएस सहित उसके कई अनुशांगिक संगठनों में कामेश्‍वर चौपाल का काफी योगदान रहता है। वे बिहार में विधान पार्षद भी रहे हैं। चौपाल ने बताया कि जब श्रीराम मंदिर का शिलान्यास किया गया था उस समय वे विश्व हिन्दू परिषद में सक्रिय थे। बिहार प्रदेश के सुदूर ग्रामीण इलाके से आने के बावजूद विहिप के अधिकारियों ने इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेवारी मुझे सौंपी तो वे गौरवान्वित हो उठे।


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