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रक्षा बंधन 2022 : इस बार भाइयों की कलाई पर सजेगी संठी-भूसी से बनी राखी

रक्षा बंधन 2022 पूर्णिया में स्वयंसेवी संस्था से जुड़ीं 100 से अधिक महिलाएं बना रहीं राखियां। अब तक आठ हजार से अधिक राखियां बनाई गईं। संठी को काटकर तथा धान का भूसी मिलाकर ये राखियां तैयार की जा रही हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Wed, 10 Aug 2022 03:57 PM (IST)Updated: Wed, 10 Aug 2022 03:57 PM (IST)
रक्षा बंधन 2022 : इस बार भाइयों की कलाई पर सजेगी संठी-भूसी से बनी राखी
रक्षा बंधन 2022 : पूर्णिया में इस बार संठी-भूसी की राखी बनाई गई है।

मनोज कुमार, पूर्णिया। रक्षा बंधन 2022 : पूर्णिया में संठी से बनी इको फ्रेंडली राखी इस बार बहना अपने भाइयों की कलाई पर बांधेगी। बाजार में बड़ी संख्या में ये राखियां दुकानों में बिकने लगी हैं। संठी को बारीकी से काटकर तथा धान का भूसी मिलाकर ये राखियां तैयार की जा रही हैं।

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उफरैल स्थित सवेरा से जुड़ीं 100 से अधिक महिलाएं इन्हें तैयार कर रही हैं। अब तक आठ हजार से अधिक राखियां तैयार की गई हैं। कीमत भी कम रखी गई है। सवेरा के अध्यक्ष विनोद आशीष ने बताया कि संठी (जूट का बायोप्रोडक्ट), केले का फाइबर और धान की भूसी से 50 से अधिक डिजाइन की राखियां बनाई गई हैं। जिले में पहली बार राखी महोत्सव भी आयोजित किया गया है। इसमें प्रदर्शनी व बिक्री के लिए दो हजार से अधिक राखियां रखी जाएंगी।

पूर्णिया स्थित क्लस्टर में करीब एक हजार महिलाएं अपने हुनर से जूट, केले के रेशे, सनठी एवं नेचुरल फाइबर से कई उत्पाद तैयार कर रही हैं। इसमें चर्चित कलाकार किशोर कुमार राय व डिजाइनर मनीष रंजन सहयोग कर रहे हैं। इस बार कलस्टर से जुड़ी महिलाएं किशोर के सहयोग से इको फ्रेंडली राखियां तैयार कर रही हैं। राखी बनाने में लगीं रत्ना कुमारी, माला देवी आदि ने बताया कि इस राखी में जूट, संठी, बनाना फाइबर, धान की भूसी आदि का प्रयोग किया जा रहा है। बाजार में इन राखियों की काफी मांग है। 20 से 200 रुपये में ये बाजार में उपलब्ध हैं।

चहक कार्यक्रम का हुआ समापन

संस,धमदाहा (पूर्णिया)। शिक्षा नीति 2020 निपुण भारत मिशन अंतर्गत चहक का क्रियान्वयन हेतु पांच दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण बीआरसी धमदाहा में आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में धमदाहा तथा बी कोठी प्रखंड के 52 शिक्षकों को प्रशिक्षक के रुप में प्रशिक्षण दिया गया जो संकुल स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। ज्ञात हो इससे पहले भवानीपुर तथा रुपौली प्रखंड के 42 शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया गया था। इस प्रशिक्षण में बुनियादी साक्षरता तथा संख्या ज्ञान में कक्षा वन से थ्री तक को बच्चों को पढऩे और लिखने का कौशल आनंददायी माहौल में प्राप्त हो सुनिश्चित किया गया है। चहक विद्यालय के कक्षा एक में प्रवेश करने वाले बच्चों के लिए आनंदपूर्ण माहौल में गतिविधियों के साथ 90 दिन का का कार्यक्रम है। प्रशिक्षण के समापन में मुख्य अतिथि के रूप में सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी उज्जवल कुमार सरकार का आगमन हुआ उन्होंने शिक्षक को संबोधित किया। प्रशिक्षक के भूमिका में सत्यम् कुमार सिंह, मनोज प्रभाकर, कुमुद कुमारी तथा ममता केशरी ने योगदान दिया।


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