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रक्षा बंधन 2022 : 12 अगस्त को सुबह 7:24 बजे तक ही राखी बांधना था श्रेयस्कर, ऐसा नहीं कर पाए तो करें यह उपाय

रक्षा बंधन 2022 इस बार 11 अगस्‍त और 12 अगस्‍त को सावन पूर्णिमा होने के कारण रक्षा बंधन को लेकर संशय रहा। पंडितों के अनुसार भद्रा में और प्रतिपदा में रखी बांधना उचित नहीं है। 12 अगस्‍त को सुबह 724 बजे तक राखी बांधें।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 11:22 AM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 11:22 AM (IST)
रक्षा बंधन 2022 : 12 अगस्त को सुबह 7:24 बजे तक ही राखी बांधना था श्रेयस्कर, ऐसा नहीं कर पाए तो करें यह उपाय
रक्षा बंधन 2022 : शुभ मुहूर्त की जानकारी देते श्री वेंकटेशाचार्यजी 'ब्रजेशजी' महाराज।

ऑनलाइन डेस्‍क, भागलपुर। रक्षा बंधन 2022 :  12 अगस्त को सुबह 7:24 बजे तक ही पूर्णिमा है। सावन पूर्णिमा 11 अगस्‍त को ही प्रारंभ हो गया था। इस कारण रक्षा बंधन का पर्व को लेकर इस बार संशय बना रहा। किस दिन पर्व मनाएं और शुभ मुहूर्त क्‍या है इस पर अनेक विद्वान पंडितों की अलग-अलग राय रही। वृंदावन के विद्वान पंडित व कथा वाचक श्री वेंकटेशाचार्यजी 'ब्रजेशजी' महाराज मुंगेर आए हुए हैं। आज मुंगेर से जमुई जाने के क्रम में उनसे बातचीत तो उन्‍होंने कहा कि रक्षा बंधन भाई और बहन का पवित्र त्‍योहार है। इस दिन का इंतजार भाई और बहन प्रत्‍येक वर्ष बड़ी सिद्दत से करते हैं। बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। दोनों आपस में एक-दूसरे की रक्षा का संकल्‍प भी लेती है। श्री वेंकटेशाचार्यजी 'ब्रजेशजी' महाराज ने कहा कि राखी भद्रा में नहीं बांधनी चाहिए। प्रतिपदा में राखी नहीं बांधना उचित नहीं है। इस कारण इस बार 11 अगस्‍त काे  रात्रि 8:05 बजे के बाद से 12 अगस्‍त के सुबह 7:24 बजे तक ही राखी बांधना उचित है। बेहतर तो यह रहेगा कि राखी 12 अगस्‍त को सुबह-सुबह जल्‍दी बांध लें। सुबह 7:24 बजे तक अगर भाई को बहन राखी बांधती है तो यह बहुत बेहतर रहेगा और शस्‍त्रोचित होगा। 

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  • भद्रायां द्वे न कर्त्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा । श्रावणी नृपतिं हन्ति ग्रामं दहति फाल्गुनी।। अर्थात भद्रा में श्रावणी (श्रावणी उपाकर्म और राखी) तथा फाल्गुनी (होलिका दहन) नहीं करना चाहिए। भद्रा में रक्षाबंधन करने से राजा का नाश और होलिका दहन करने से गांव में अगलगी लग जाती है। 

  • नन्दायां दर्शने रक्षा बलिदानं दशासु च। भद्रायां गोकुल क्रीडा देशनाशाय जायते।। अर्थात नन्दा तिथि में दर्शन, रक्षा (रक्षाबंधन), बलिदान सभी दशाओं में और भद्रा तिथि में गोकुल क्रीडा करने से गांव-समाज का नाश होता है ।

भद्रा के समाप्ति पर रात्रि में ही रक्षाबंधन श्रेष्ठ है

श्री वेंकटेशाचार्यजी 'ब्रजेशजी' महाराज ने कहा कि पंचांग को देखते हुए इस बार रक्षाबंधन 11 अगस्त को रात्रि 8:05 बजे भद्रा समाप्त होने के बाद 12 अगस्त को 7:24 बजे पूर्णिमा समाप्त होने तक करना श्रेयस्कर रहेगा। कहीं-कहीं बहनें भाई का मुंह मीठा करने के पश्चात ही कुछ खाती हैं, ऐसी परिस्थिति में 11 अगस्त को पूरे दिन उपवास रहने की अपेक्षा 12 अगस्त को सुबह-सुबह ही राखी बांधना शास्त्र और व्यवहार के अनुसार श्रेष्ठ रहेगा।

श्री वेंकटेशाचार्यजी 'ब्रजेशजी' महाराज ने कहा कि वैसे हिंदू धर्म में जिसका उदय उसका अस्‍त मानने की परंपरा है, अर्थात 12 अगस्‍त को सुबह पूर्णिमा है तो जब तक सूर्यास्‍त नहीं होगा तब तक‍ उस दिन को पूर्णिमा ही माना जाएगा। लेकिन, प्रतिपदा के प्रवेश कर जाने के बाद राखी नहीं बांधनी चाहिए। भाद्रपद प्रतिपदा प्रारंभ हो चुका है। इस कारण अब राखी बांधना उचित नहीं है। लेकिन जो बहनें अपने भाई को राखी बांध नहीं सकी हैं और राखी बांधना चाहती हैं तो सबसे पहले रक्षा सूत्र को भगवान को चरणों को समर्पित करें। उनसे प्रार्थना करें कि समस्‍त पाप का नाश करें। भूल होने के लिए क्षमा मांगें। भगवान के चरणों में राखी रखकर उनकी पूजा करें। ईश्‍वर को साक्षी मानकर अपने भाई की कलाई पर राखी बांधें, यह उचित रहेगा। 


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