Raksha Bandhan 2020 : सावन माह... पूर्णिमा... सोमवार यानी रक्षा बंधन...! अद्भुत और दुर्लभ संयोग... जानिए... शुभ मुहूर्त
Raksha Bandhan 2020 इस बार का रक्षाबंधन अद्भुत और दुर्लभ संयोग लेकर आया है। सोमवार को पूर्णिमा और रक्षा बंधन होने से इसका महत्व बढ़ गया है।
भागलपुर [दिलीप कुमार शुक्ला]। Raksha Bandhan 2020 : सावन माह... पूर्णिमा... सोमवार... रक्षा बंधन...! यानी हर संयोग शुभ ही शुभ। सावन माह की पूर्णिमा को रक्षा बंधन मनाया जाता है। यह सुखद संयोग है कि इस बार पूर्णिमा सोमवार को हुआ। सावन माह में इस बार पांच सोमवार हुआ। सावन की शुरूआत भी सोमवार से हुई थी। सावन माह शिवजी को अत्याधिक प्रिय है। खासकर सावन के सोमवार का कहना ही क्या। सावन के सोमवार को शिवजी के लिए विशेष मायने रखता है। सोमवार को रक्षा बंधन होने के कारण इस बार का रक्षा बंधन पर भाई-बहनों को शिव की विशेष कृपा बनेगी। रक्षा बंधन तीन अगस्त 20202 को मनाया जा रहा है।
गोबरांय निवासी पौराणिक कथा व्यास आनन्दमूर्ति आलोक जी महाराज ने रक्षाबंधन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पर्व हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। रक्षा बंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी या फिर रक्षा सूत्र बांधती हैं। बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इसके बदले भाई भी अपनी बहन को उनकी रक्षा का वचन देता है।
आनंदमूर्ति आलोक ने कहा कि इस साल यह त्योहार सोमवार को मनाया जा रहा है और इस वजह से इसका महत्व और बढ़ गया है। दरअसल, सावन माह के सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है।
शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि : 2 अगस्त 2020 को 21:31:02 बजे से तीन अगस्त 2020 के 21:30:28 बजे तक है
राखी बांधने का अपराह्न मुहूर्त : तीन अगस्त 2020 को 13:16 बजे से 16:24 बजे तक
राखी बांधने का प्रदोष मुहूर्त : तीन अगस्त 2020 को 19:07 बजे से 21:15 बजे तक
रक्षा बंधन के दिन अपराह्न मुहूर्त में रखी बांधनी चाहिए। अगर अपराह्न समय न हो तो प्रदोष काल में राखी बांधी जा सकती है। बहनों को भद्राकाल में अपने भाई को राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्राकाल दो अगस्त 2020 को 20:36 बजे से तीन अगस्त 2020 को 8:28 तक है।
तीन अगस्त को रक्षाबंधन पर सुबह उत्ताराषाढ़ा के बाद श्रवण नक्षत्र रहेगा। रक्षाबंधन पर श्रवण नक्षत्र का होना फलदायी माना जाता है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और आयुष्मान दीर्घायु का शुभ संयोग भी बन रहा है। इस नक्षत्र में भाई की कलाई पर राखी बांधने से भाई और बहन दोनों दीर्घायु होते हैं।
पूर्णिमा तिथि को सौम्या तिथि माना गया है। साथ ही चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में होता है। इस दिन चंद्रदेव की पूजा करने से व्यक्ति का हर क्षेत्र पर अधिपत्य होता है।
यदि आपके भाई की राशि मेष है तो इसका स्वामी मंगल है। ऐसे लोगों को लाल रंग की राखी बांधना शुभ माना जाता है। इससे उनके जीवन में भरपूर ऊर्जा बनी रहती है।
कैसे मनाएं रक्षा बंधन
-सबसे पहले राखी की थाली सजाएं
-थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत, पीली सरसों के बीज, दीपक और राखी रखें
-अब स्वयं भी तिलक लगाएं और भाई के दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र यानी राखी बांधें.
-इसके बाद अपने भाई की आरती उतारें.
-अब भाई का मुंह मीठा कराएं.
-यदि भाई आपसे बड़ा है तो आप चरण स्पर्श करें। अगर बहन बड़ी है तो भाई को चरण स्पर्श करना चाहिए।
-राखी बांधते वक्त इस मंत्र का उच्चारण करें.
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
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वहीं, वर्ष 2019 में रक्षा बंधन गुरुवार को था। उस दिन यह पर्व स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को मनाया गया था।