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..और क्या चाहिए; मैं तो पत्थर थी, इसे नीतीश कुमार ने तराशा Bhagalpur news

राज्यसभा की बिहार से भरी जाने वाली पांच सीटों में से दो पर राजद के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। तीन सीटें एनडीए (जदयू-दो और भाजपा-एक) के खाते में जा रही हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 08:36 AM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 08:36 AM (IST)
..और क्या चाहिए; मैं तो पत्थर थी, इसे नीतीश कुमार ने तराशा Bhagalpur news
..और क्या चाहिए; मैं तो पत्थर थी, इसे नीतीश कुमार ने तराशा Bhagalpur news

भागलपुर, जेएनएन। जदयू की राज्यसभा सदस्य कहकशां परवीन सदन में अगला कार्यकाल न मिलने से मायूस नहीं हैं। बेटिकट होने की खबर पर उन्होंने हंसते हुए कहा-मैं साधारण पत्थर थी। इसे नीतीश कुमार ने तराशा। मुझे उन्होंने बहुत कुछ दिया। कोई शिकायत नहीं है। पार्टी आगे जो भी जिम्मेवारी देगी, मैं खुशी से उसे अंजाम दूंगी।

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2014 में राज्यसभा भेजी गई कहकशां को दूसरा कार्यकाल नहीं मिला। इसका उन्हें तनिक भी गम नहीं है। उन्होंने कहा-मुझे पार्टी ने मुङो बहुत दिया। मैं जितना कल्पना नहीं कर सकती थी, उससे अधिक दिया। मुझे जब पहली बार राज्यसभा में भेजा गया, उस समय भी बहुत लोग कतार में थे। मुझे अवसर मिला। इस बार सीटें कम थीं। हो सकता है कि नेतृत्व ने मेरे लिए कोई दूसरी भूमिका तय की हो। हम खुशी-खुशी उसे स्वीकार करेंगे। कहकशां ने कहा कि उन्हें तराशने में पार्टी के कई लोगों की भूमिका रही है। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सांगठनिक महासचिव आरसीपी सिंह की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही है।

जदयू सांसद कहकशां परवीन ने कहा कि वे नगर निगम की साधारण वार्ड पार्षद की हैसियत से राजनीति में आईं। भागलपुर नगर निगम की मेयर बनीं। जदयू ने उन्हें विधानसभा चुनाव में कहलगांव से उम्मीदवार बनाया। वह हार गईं। उन्हें संगठन में जिम्मेवारी दी गई। 20 सूत्री कमिटी का उपाध्यक्ष बनाया गया। महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। राज्यसभा सदस्य बनी। आखिर मुझे और क्या चाहिए। मालूम हो कि राज्यसभा में कहकशां कई कमिटियों की सदस्य हैं। वह पीठासीन अधिकारियों की पैनल में भी हैं। इस नाते वह सदन की कार्यवाही का संचालन भी करती हैं।

कहकशां परवीन भागलपुर की रहने वाली हैं। उनका घर भागलपुर जिले के इशाकचक के वार्ड नंबर 47 में है। उनके पति नसीम भी राजनीति में हैं। नसीम भी इस वार्ड पार्षद रह चुके हैं। इस वार्ड के वर्तमान पार्षद नासरीन बैगम हैं, जो इसी परिवार से हैं। 

बिहार में पांच सीटों में होंगे चुनाव

राज्यसभा की बिहार से भरी जाने वाली पांच सीटों में से दो पर राजद के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। तीन सीटें एनडीए के खाते में जा रही हैं। एनडीए के तीनों सीटों में दो पर जदयू और एक पर भाजपा चुनाव लड़ेगी। राजद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह का नाम तय कर लिया है। वहीं, राज्‍यसभा के उपसभापति हरिवंश, राज्‍यसभा सदस्‍य रामनाथ ठाकुर को दूसरी बार जदयू राज्‍यसभा भेजेगा। इसी अप्रैल में दोनों सदस्‍यों का कार्यकाल समाप्‍त हो रहा है। हालांकि अप्रैल में ही जदयू की राज्‍यसभा सांसद कहकशां परवीन का भी कार्यकाल समाप्‍त हो जाएगा। लेकिन उन्‍हें इस बार टिकट नहीं मिला। जदयू सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कहकशां परवीन को विधानपरिषद के लिए खाली हो रही सीट पर एडजस्ट कर लिया जाएगा। मई में विधानपरिषद की कई सीटें खाली हो रहीं हैं।

सीपी ठाकुर की जगह उनके पुत्र विवेक जाएंगे राज्यसभा

भारतीय जनता पार्टी ने बिहार से राज्यसभा के प्रत्याशी के नाम का एलान कर दिया है। राज्यसभा का अपना कार्यकाल पूरा कर चुके डॉ. सीपी ठाकुर की जगह भाजपा ने उनके पुत्र विवेक ठाकुर को उच्च सदन में भेजने का फैसला किया है। बिहार भाजपा के दो राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इनमें एक हैं डॉ. सीपी ठाकुर और दूसरे आरके सिन्हा। वर्तमान में विधानसभा में भाजपा विधायकों की मौजूद संख्या के आधार पर पार्टी किसी एक को ही राज्यसभा भेज सकती है।


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