Move to Jagran APP

LJP : राजकुमारी ने चिराग को बताया अपना पुत्र, बोलीं - इतनी अधिक सीटों पर नहीं लड़ना चाहिए था चुनाव

इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान लोजपा एनडीए से अलग हो गई थी। लोजपा नेता सांसद चिराग पासवान को जदयू और यहां के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यशैली पसंद न आयी। उन्‍होंने बिहार में विकास नहीं होने के आधार पर एनडीए से नाता तोड़ दिया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 11:49 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 11:49 AM (IST)
LJP : राजकुमारी  ने चिराग को बताया अपना पुत्र, बोलीं - इतनी अधिक सीटों पर नहीं लड़ना चाहिए था चुनाव
राजकुमारी देवी, राम विलास पासवान और चिराग पासवान।

खगड़िया, जेएनएन। भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी ने कहा है कि नीतीश कुमार पर जनता ने विश्वास किया और वे फिर मुख्यमंत्री बने। नीतीश ने कोई गलती नहीं की है। शराबबंदी कर उन्होंने अच्छा काम किया है। नीतीश और लालू दोनों अच्छे हैं। दोनों पर मेरा विश्वास है। पहले नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान एकसाथ ही थे।  बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग को इतनी सीटों पर नहीं लड़ना चाहिए था। बहुत सीटों पर लड़ गए, इसलिए ऐसा हाल हुआ। बढ़िया काम करें। राजकुमारी देवी ने कहा कि चिराग उनका बेटा है। मां दो है, पर पिता तो एक ही थे। चिराग अच्छा है, बुरा है, लेकिन मेरा बेटा है। मेरा आशीर्वाद हमेशा चिराग के साथ है। कुछ दिनों पहले साहब (रामविलास पासवान) के क्रिया-कर्म में चिराग शहरबन्नी आए थे तो पैर छूकर उन्होंने उनका आशीर्वाद लिया।

loksabha election banner

चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने जहां एक ओर जदयू और मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की काफी आलोचना की, वहीं दूसरी ओर उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हमेशा तारीफ किया। वे यहां तक कह गए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वे हनुमान हैं। चुनाव प्रचार के दौरान उन्‍होंने लोगों से अपील की है कि जहां से लोजपा के प्रत्‍याशी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, वहां भाजपा प्रत्‍याशी के जिताएं। उन्‍होंने चुनाव में एनडीए के प्रमुख घटक दल जदयू की काफी आलोचना की। उन्‍होंने बिहार में रोजगार का नहीं होना, शिक्षा व्‍यवस्‍था का चौपट रहने सहित स्‍वास्‍थ्‍य सेवा की बदहाल स्थिति पर तीखा प्रहार किया। हालांकि, इस चुनाव में लोजपा ने एक ही सीट जीत पर जीत हासिल की है।

एनडीए में रहते तो होता ज्‍यादा लाभ

राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो लोजपा को एनडीए छोड़ना काफी महंगा पड़ा। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि लोजपा ने इस चुनाव में जदयू को काफी नुकसान पहुंचाया, लेकिन लोजपा का प्रदर्शन भी अच्‍छा नहीं रहा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.