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लापरवाही हर पांचवें दिन ले रही एक की जान

शॉर्टकट और लापरवाही के कारण हर पांचवें दिन एक लोग जान गवां रहे हैं। ये आकड़े भागलपुर-साहिबगंज भागलपुर-किऊल और भागलपुर-बांका रेलखंड की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 08:41 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 06:17 AM (IST)
लापरवाही हर पांचवें दिन ले रही एक की जान
लापरवाही हर पांचवें दिन ले रही एक की जान

भागलपुर। शॉर्टकट और लापरवाही के कारण हर पांचवें दिन एक लोग जान गवां रहे हैं। ये आकड़े भागलपुर-साहिबगंज, भागलपुर-किऊल और भागलपुर-बांका रेलखंड की है। इन रेलखंडों पर साल भर में 60 से ज्यादा लोगों की मौतें ट्रेन की चपेट में आने से होती है। रेल पुलिस के आकड़े के अनुसार माने तो मरने वालों में ज्यादातर की उम्र 20 से 35 के बीच है। इसमें महिलाओं की संख्या कम है। मरने वाले लोग घटनास्थल के आसपास के गांव या इलाके के होते हैं। जिन लोगों की पहचान नहीं होती है उनके शव को तीन दिन रखने के बाद रेल पुलिस ही दाह-संस्कार करवाती है।

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भागलपुर रेल थाना के अंदर दो दर्जन से अधिक स्टेशन

भागलपुर रेल थाना क्षेत्र का दायरा काफी बड़ा है। रेल थाना क्षेत्र के अधीन दो दर्जन से ज्यादा छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन हैं। हर स्टेशनों पर यात्रियों का आवागमन रोजना दस से 90 हजार के बीच है। ऐसे में ट्रेनों में भीड़ होना लाजिमी है। गेट-पायदान पर लटक कर यात्रा करना हादसे का बड़ा कारण

ट्रेन से कटकर ज्यादातर वैसे लोगों की मौत हुई है जो ट्रेन का पायदान पकड़ कर सफर करते हैं। रेल अधिकारिक की मानें तो युवा वर्ग कोच के अंदर सफर करने के बजाय गेट और पायदान पर ही सफर करते हैं। इस कारण लोग ट्रेन से गिरकर जान गवां रहे हैं।

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भागलपुर-पीरपैंती के बीच ज्यादा घटनाएं

ट्रेन से कटकर मरने वालों की संख्या भागलपुर-पीरपैंती रेलखंड पर ज्यादा है। एक साल में करीब 30 लोगा इस रेलखंड पर हादसे के शिकार हुए हैं। भागलपुर-सुल्तानंगज सेक्शन दूसरे स्थान पर है। इस सेक्शन पर 15 से 17 लोगों की जानें गई हैं। बांका सेक्शन पर भी डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हुई हैं।

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जागरुकता का असर नहीं

स्टेशन पर हर दिन ट्रेन के पायदान और गेट सफर नहीं करने के लिए उद्घोषणा की जाती है। यात्रियों से रेलवे ट्रैक पार नहीं करने की अपील की जाती है। हमेशा एक दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए फुट ओवर ब्रिज का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। इसके बाद भी यात्री ध्यान नहीं देते हैं। ------------------

--24 जोड़ी रोजाना, साप्ताहिक सहित है जंक्शन से

-03 पैसेंजर भागलपुर-किऊल के लिए

-07 पैसेंजर भागलपुर-जमालपुर के बीच

-03 ट्रेनें भागलपुर-बांका के बीच

-04 ट्रेनें भागलपुर-हंसडीहा के बीच

-01 ट्रेनें भागलपुर-सहरसा के बीच

-07 पैसेंजर भागलपुर-साहिबगंज के बीच

-15 एक्सप्रेस ट्रेन भागलपुर-साहिबगंज के बीच

-80 से 85 हजार यात्रियों का रोजना भागलपुर आवागमन

-03 से चार हजार कहलगांव से करते हैं सफर

-02 हजार पीरपैंती स्टेशन से पकड़ते हैं ट्रेन

-02 से 03 हजार सुल्तानगंज स्टेशन से पकड़ते हैं ट्रेन

-16 से 18 हजार साधारण रेल टिकट की बिक्री

-12 सौ के आसपास रोजाना होता है आरक्षण

-18 स्टेशन आते हैं भागलपुर रेल क्षेत्र के अधीन

-72 घंटे अनजान शव को रखती है रेल पुलिस

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वर्षवार मरने वालों का आंकड़ा

-2017-59

-2018-60

-2019-62

-2020 में अभी तक नहीं।

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मरने वालों का प्रतिशत

2017 की अपेक्षा में 2018 में 1.5 प्रतिशत

2018 की अपेक्षा में 2019 में 2.0 प्रतिशत

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कोट

-ट्रेन से गिरकर और कटकर मरने वाले ज्यादातर लोगों की पहचान हो जाती है, जिनकी शिनाख्त नहीं होती, उसके शव को मुर्दाघर में 72 घंटे तक रखा जाता है। यात्रियों को बराबर जागरूक किया जाता है कि गेट या पायदान पर सफर नहीं करें।

-अरविंद कुमार, रेल थानाध्यक्ष, भागलपुर।


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