कोरोना काल में मिली सीख तो पर्यावरण के प्रहरी बने राहुल, अब लोगों को कर रहे जागरूक
कोरोना के काल खंड ने खासकर युवाओं को सामाजिक सरोकार से ज्यादा जोड़ने का काम किया। इसी कड़ी में किशनगंज शहर के युवा राहुल कुमार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण का अभियान शुरू किया। अब वे लोगों के घर जाकर उन्हें जागरूक कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, किशनगंज । कोरोना काल में युवाओं का रुझान समाजिक सरोकार को तेजी से बढ़ा है। इस दौरान युवा न सिर्फ एक दूसरे की मदद के लिए तत्पर दिखे बल्कि पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता आदि को दायित्व अपना कर्तव्य मानकर बेहतर करने की कोशिश जुटे हैं। शहर के युवा राहुल कुमार इन दिनों लगातार सार्वजनिक स्थलों व विद्यालयों आदि में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। राहुल के साथ दर्जन भर युवा इस काम में जुटे हैं।
चाहे पर्व त्योहार का मौका हो या किसी साथी का जन्मदिन, हर मौके पर राहुल अपने दोस्तों के साथ पौधारोपण करते हैं। इसके अलावा घर-घर दस्तक देकर तुलसी, आंवला आदि के पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण की अपील करते नजर आ जाते हैं। आमजन को भी जन्मदिन, वर्षगांठ आदि मौके पर औषधीय, फलदार, फूलदार व छायादार पौधारोपण करने के लिए प्रेरित करते हैं। राहुल अपने दोस्तों के साथ मिलकर विगत नौ माह में लगभग एक हजार से अधिक पौधे लगा चुके हैं।
वे बताते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण ने हम सबको पर्यावरण व स्वच्छता को लेकर सोचने पर मजबूर किया है। पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ के कारण ही मानव सभ्यता खतरे में पड़ी है। पेड़-पौधे आदिकाल से ही मनुष्य के हितैषी रहे हैं। सभी प्रकार के पेड़-पौधे मनुष्य समाज के लिए सदैव ही उपयोगी रहे हैं और मनुष्य के जीवन यापन मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसलिए हमें चेत जाना है और नए-नए पौधे लगाएं ताकि वे बड़े होकर वृक्ष का रूप ले सके। पौधारोपण कर हम लगातार कम हो रहे वृक्षो एवं वनों को संरक्षित कर सकते है। पौधे लगाए देश बचाइए का मंत्र बताते हुए लोगों से राहुल कहते हें कि पेड़-पौधे हमसे कुछ न लेते हुए भी हमें बहुत कुछ देते हैं। एक सच्चा मित्र के नाते मीठे, गुणकारी एवं स्वास्थ्यवर्धक फल के अलावा हमें प्राणवायु देते हैं। वृक्ष पक्षियों को रहने के लिए ठौर देता है तो ग्रीष्म ऋतु में पशु पक्षियो एवं मनुष्यो को भी सूर्यताप से बचने की शीतल जगह मिलती है।