Rahat Indauri dies : 2017 में पूर्व बिहार में गूंजी थी राहत इंदौरी की शायरी
Rahat Indauri dies प्रसिद्ध शायर डॉ. राहत इंदौरी का इंदौर में 11 अगस्त 2020 की शाम करीब पांच बजे निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे।
भागलपुर [रजनीश]। Rahat Indauri dies : देश के नामचीन शायर राहत इंदौरी की गजलें और शायरी पूर्व बिहार के कई जिलों में गूंज चुकी है। भागलपुर, बांका, पूर्णिया, अररिया, मुंगेर जिले के लोग उनकी शायरी की आज भी मुरीद हैं। दैनिक जागरण के साथ इनका पारिवारिक लगाव था। जागरण के हास्य कवि सम्मेलन में दो बार पूर्व बिहार के जिलों में अपनी शायरी से सब को मदमस्त किया था। तीन साल पहले वर्ष 2017 के तीन जून की शाम शहर के मारवाड़ी पाठशाला में उन्होंने जब शायरी 'राज जो कुछ हो, इशारों में बता भी देना। हाथ जब मुझसे मिलाना, दबा भी देना। किसने दस्तक दी, ये दिल पर, कौन है, आप तो अंदर, बाहर कौन है। ' फरमाया था तो लोगों ने तालियां बजाकर इनका इस्तेमाल किया था। उनकी शायरी 'फकीर, शाह, कलंदर, इमाम क्या-क्या है। तुम्हे पता नहीं तेरा गुलाम क्या-क्या है।' को सिल्क सिटीवासियों के जेहन में समाया है। 2017 के बाद भागलपुर नहीं आए।
आज भी उनका इश्क भी मंच पर मौजूद
वर्ष 2017 में आयोजित कवि सम्मेलन के दौरान इनके साथ युवा कवि कुमार विश्वास सहित अन्य कवियों ने भी मंच साझा किया था। उन्होंने सम्मेलन में अपनी शायरी इश्क भी मंच पर मौजूद हुआ.. फैसला जो कुछ भी हो, मंजूर होना चाहिए, जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए। फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो। इश्क खता है तो ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो। शायरी ने दर्शकों में नई ऊर्जा भर दी थी। मशहूर शायर राहत इंदौरी को तो सुनने बड़ी संख्या में पहुंचे थे। इन्होंने किसी को भी निराश नहीं किया। सभी ने राहत इंदौरी की गजलों का भी लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। वहीं, मारवाड़ी युवा मंच की ओर से होली के पहले होने वाले वसंत गोष्ठी कार्यक्रम में भी राहत इंदौरी पहुंचे थे।
निधन से शहरवासी सदमे में
देश के नामचीन शायर राहत इंदौरी के निधन की खबर सुनकर शहर के कला प्रेमी और सामाजिक लोग सकते में है। सामाजिक कार्यकर्ता रमण कर्ण, जिआउर रहमान, राकेश रंजन केसरी, अश्विनी जोशी मोंटी, जॉनी संथालिया, कुंज बिहारी झुनझुनवाला, कलाकार श्वेता भारती, वर्षा, प्रवीर राय, राहुल सहित अन्य ने निधन पर शोक व्यक्त किया।