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Purnia Red Light Area: पिता को अचानक आया फोन, आपकी बेटी तो यहां है, मुर्शिद के दर्द से झांक रहा चांद का खौफनाक चेहरा

Purnia Red Light Area बिहार के पूर्णिया में रेड लाइट एरिया में लगातार लडकियों को लाया जा रहा है। बच्चियों को स्थान परिवर्तन कर जबरन जिस्म फरोशी का धंधा कराया जाता रहा है। पुलिस की भूूमिका संदिग्‍ध है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 09:53 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 09:53 PM (IST)
Purnia Red Light Area: पिता को अचानक आया फोन, आपकी बेटी तो यहां है, मुर्शिद के दर्द से झांक रहा चांद का खौफनाक चेहरा
पूर्णिया रेड लाइट एरिया में लड़किया मंगाई जाती है।

पूर्णिया [प्रकाश वत्स]। इसी जहन्नुम में अपनी बिटिया को कुछ देर पहले मैंने देखा है। आपलोग मेरी बिटिया को ढूंढ़ कर निकाल दीजिए...। कुछ ऐसी ही गुहार महज चार दिन पूर्व एक पिता रेडलाइट एरिया में छापेमारी करने पहुंची पुलिस टीम से लगा रहे थे। इस गुहार के पीछे दर्द की बड़ी कहानी दफन है। पिता मुर्शिद के इस दर्द से उस चांद का खौफनाक चेहरा भी झांक रहा था, जिसके बंद घर में पिता ने अपनी बिटिया की एक झलक देखने की बात कह रहे थे।

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इस पूरी कहानी की शुरुआत लगभग साढ़े तीन साल पूर्व हुई है। अमौर थाना क्षेत्र के मु. मुर्शीद की पुत्री अचानक घर से गायब हो गई। प्रेम प्रसंग में लड़की के फरार होने की आरंभिक आशंका को लेकर स्वजन इसकी कड़ी की तलाश में जुटे रहे। आखिरकार स्वजनों को निराशा हाथ लगी और पिता ने अपनी पुत्री की गुमशुदगी की सूचना थाना में दर्ज कराई। पुलिस ने भी बच्ची की तलाश की कुछ दिनों तक कोशिश की और फिर बात फाइलों में ही दब गई।

चार दिन पूर्व किसी स्वजन ने उक्त लड़की को पूर्णिया शहर के कटिहार मोड़ स्थित रेड लाइट एरिया में देखा और इसकी सूचना उसके पिता को दी। बिटिया की फिक्र में हताश पिता अपने कुछ स्वजनों के साथ बिना पुलिस को सूचित किए ही रेडलाइट एरिया पहुंच गया। यहां उनकी नजर भी अपनी बिटिया पर पड़ गई और उसने हंगामा शुरू कर दिया। इधर रैकेट चलाने वाले लोगों ने दबंगई दिखाते हुए उसे रेडलाइट एरिया से निकलने को मजबूर कर दिया। इस बीच उन लोगों ने पुलिस को सूचित किया और और सूचना पर पुलिस भी वहां पहुंची लेकिन तब तक धंधेबाज उनकी पुत्री को कहीं और शिफ्ट कर चुका था।

जिस घर की ओर पिता इशारा कर रहा था, उस घर में तब तक ताला लटक चुका था। पुलिस ने उस घर का ताला तोड़ तलाशी भी ली, लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली। यह पूरी कहानी एक बानगी भर है। सीमांचल में यह खेल अर्से से जारी है। चांद जैसे कई खौफनाक चेहरे यहां ग्रामीण इलाकों के भोले-भाले बच्चियों को जिस्म फरोशी के बाजार में धकेलते रहे हैं। ऐसे लोगों का एक बड़ा नेटवर्क यहां काम कर रहा है। बच्चियों को स्थान परिवर्तन कर उससे जबरन जिस्म फरोशी का धंधा कराया जाता रहा है।

सर्वे में 400 बच्चियों के गायब रहने का सामने आया था मामला

बच्चियों की ट्रैफिकिंग, बाल विवाह सहित बाल उत्पीडऩ पर रोक के लिए कार्य कर रही स्वयंसेवी संगठन भूमिका विहार द्वारा लगभग तीन साल पूर्व एक सर्वे कराया था। इस सर्वे में बाल विवाह व प्रेम जाल में फांस चार सौ से अधिक बच्चियों को गायब कर देने का मामला सामने आया था। इसमें कटिहार, अररिया व पूर्णिया की बच्ची महानगरों की देह मंडियों से भागकर बाद में घर भी पहुंची थी और अपने साथ हुए वाकया पुलिस को भी बताया था।


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