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पूर्णिया: आंधी-बारिश ने बढ़ा दी किसानों की परेशानी, केला और मकई की फसल को भारी नुकशान

आंधी-बारिश ने पूर्णिया के किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। केला और मकई की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। कुछ इलाकों में मखाना की खेतों को भी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि यह...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 06:42 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 06:42 PM (IST)
पूर्णिया: आंधी-बारिश ने बढ़ा दी किसानों की परेशानी, केला और मकई की फसल को भारी नुकशान
आंधी-बारिश ने पूर्णिया के किसानों की परेशानी बढ़ा दी है।

जागरण टीम, पूर्णिया। जिले में आंधी-बारिश का दौर लगातार जारी है। गुरुवार की शाम के बाद शुक्रवार के रात भी जोरदार आंधी व बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों को चूर-चूर कर दिया। केला व पछात मक्का के साथ ओलावृष्टि से मखाना की फसल को भी व्यापक क्षति पहुंची है। हर तरफ खेतों से तबाही झांक रही है। इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर किसानों को हाशिए पर ला खड़ा किया है।

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बता दें कि इस इलाके में अब भी मक्का के बाद केले की बृहत पैमाने पर खेती होती है। हाल के वर्षों से मखाना का रकवा भी यहां बढ़ा है। मक्का की तरह इस बार केले व मखाना की फसल भी अच्छी थी, लेकिन लगातार आंधी-बारिश के साथ ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फेर दिया है। इसके अलावा आम व लीची की फसलों को भी इससे व्यापक नुकसान पहुंचा है। इसी तरह सब्जी की लत्तीदार फसलों को भी इससे व्यापक नुकसान पहुंचा है। केलांचल के नाम से प्रसिद्ध धमदाहा अनुमंडल क्षेत्र में किसानों की कमर ही इस आंधी बारिश ने तोड़ दी है।

हरदा। केनगर प्रखंड क्षेत्र में आंधी बारिश के साथ ओलावृष्टि से केला व मखाना की फसलों को पहुंची व्यपाक क्षति से किसान हलकान है। के, नगर प्रखंड के दक्षिणी पंचायतों में ,मकई,केला व मखाना की फसल को सर्वाधिक क्षति पहुंची है।

शुक्रवार की रात्रि ओलावृष्टि से नगदी फसल केला के पत्ते चिथड़े हो गए हैं।रहुआ पंचायत के मदरसा टोला के केला किसान मु,सलीम, मिल्की रहुआ के मु,हबीब, गंगेली के किसान रामचरण यादव, अमर किशोर ख़िरहरी सहित जोतलखाय, कल्याणपुर, मजरा, चपय, भुड़ी, सहरा, गोआसी, बिशहरिया, बैगना, सतकोदरिया के किसानों ने बताया कि एक दिन पूर्व आंधी तूफान में केला टूट कर धराशायी हो गया था।

दूसरे दिन शेष केले को ओलावृष्टि ने बर्बाद कर दिया। इतना ही नहीं ओलावृष्टि से मखाना के पत्ते भी बर्बाद हो गए हैं। इससे मखाना के उत्पादन पर भी असर पड़ना तय है। गोआसी के मुखिया अफरोज आलम, रहुआ मुखिया सूफिया परवीन, सतकोदरिया मुखिया श्याम लाल टुड्डू, सहरा मुखिया रतन देवी, गंगेली मुखिया मुन्नी देवी व हरदा की मुखिया अंजली कुमारी ने अंचलाधिकारी व बीडीओ से किसानों के फसल क्षति का सर्वे कराकर उचित मुआवजा देने की मांग की है।


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