जेल में रॉकी की मौत के मामले में काराधीक्षक निलंबित
दुकानदार राकेश रंजन उर्फ जेल में रॉकी की मौत के मामले में काराधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है।
पूर्णिया : शराब पीने के आरोप में केंद्रीय कारा में बंद दवा दुकानदार राकेश रंजन उर्फ जेल में रॉकी की मौत के मामले में काराधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। उसके विरुद्ध प्रपत्र 'क' गठित कर विभागीय कार्रवाई का आदेश भी जारी किया गया है।
:- राज्यपाल के आदेश से कार्रवाई : राज्यपाल के आदेश से यह कार्रवाई की गई है। जेल में रॉकी की मौत के मामले में कारा अधीक्षक द्वारा बिहार कारा हस्तक 2012 का उल्लंघन करने एवं अपने कर्तव्य के प्रति उदासीनता बरतने की बात सामने आई है। जेल अधीक्षक द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन नहीं किया गया और कैदी के इलाज में कई स्तरों पर लापरवाही बरती गई। इस कारण ही रॉकी की मौत होने की बात कही गई है। इन बिंदुओं पर कारा अधीक्षक को दोषी पाकर निलंबित कर उसका मुख्यालय केंद्रीय कारा, बक्सर कर दिया गया है। जेल अधीक्षक को निलंबित करने की कार्रवाई को रॉकी के परिजन और दवा विक्रेता संघ ने पहली जीत बताई है। :- आठ जुलाई को भेजा गया था जेल : रॉकी को केहाट पुलिस ने आठ जुलाई को शराब पीने के जुर्म में जेल भेजा था। 14 जुलाई की सुबह उसकी मौत हो गई थी। मृत अवस्था में जेल प्रशासन द्वारा उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया था। अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत शरीर को भर्ती लेने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद जेल प्रशासन के कर्मी लावारिस अवस्था में रॉकी के शव को सदर अस्पताल में छोड़कर फरार हो गए। स्थानीय लोगों ने रॉकी की पहचान कर उसके परिजन को मामले की सूचना दी थी। :- शरीर के कई हिस्सों पर मिले जख्म : सूचना पर परिजन जब अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने अस्पताल में रॉकी के शव को देखा। शव के हाथ, पैर, चेहरा, पीठ, पेट एवं छाती पर गंभीर जख्म के निशान थे। परिजन ने जिला प्रशासन को घटना की जानकारी दी। जिला प्रशासन ने संज्ञान लेकर दंडाधिकारी की उपस्थिति में तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम गठित कर शव का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट से रॉकी की मौत होने की बात बताई थी। रॉकी के शरीर पर जख्म भी मिले थे। :- कारा अधीक्षक पर दर्ज हुआ था हत्या का मामला : रॉकी के परिजन ने जेल में रॉकी की मौत को लेकर जेल अधीक्षक के खिलाफ केहाट थाना में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम प्रदीप कुमार झा ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने का आग्रह किया था। एडीएम, सदर एसडीओ और सिविल सर्जन की टीम गठित कर मामले की जांच की गई। इसमें जेल अधीक्षक को दोषी पाते हुए उसपर कठोर कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी। :- जेल आइजी ने भी भेजी टीम : मामले में जेल आइजी मिथिलेश कुमार ने केंद्रीय कारा में बंदी की मौत की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम भेजी थी। इसी आलोक में जेल के एआइजी संजीव कुमार चौधरी और जेल विभाग के स्वास्थ्य निदेशक परमेश्वर पांडेय ने पूर्णिया पहुंचकर जांच की थी। तमाम जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्यालय ने कारा अधीक्षक विधु भारद्वाज को दोषी पाकर निलंबन की कार्रवाई की है।