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मेडिकल कॉलेज का प्राचार्य बनने की लगी होड़

जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय (जेएलएनएमसी) का प्राचार्य बनने के लिए आधा दर्जन से ज्यादा प्राध्यापकों में होड़ मच गई है। प्राचार्य बनने के लिए वे एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Feb 2018 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 17 Feb 2018 09:15 AM (IST)
मेडिकल कॉलेज का प्राचार्य बनने की लगी होड़
मेडिकल कॉलेज का प्राचार्य बनने की लगी होड़

अशोक अनंत, भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय (जेएलएनएमसी) का प्राचार्य बनने के लिए आधा दर्जन से ज्यादा प्राध्यापकों में होड़ मच गई है। प्राचार्य बनने के लिए वे एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। कुछ प्राध्यापक तो राजनीतिक पैरवी और जोड़तोड़ में भी जुट गए हैं।

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28 फरवरी को डॉ. अर्जुन कुमार सिंह प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में मेडिकल कॉलेज के प्राध्यापक अपनी शेटिंग में जुट गए हैं। जिन प्राध्यापकों की पहुंच नेताओं और मंत्रियों तक है वे उनसे संपर्क साध रहे हैं। बताया जा रहा है कि कहलगांव में गुरुवार को मुख्यमंत्री की सभा में तो एक प्राध्यापक ने अपना चेहरा भी दिखा दिया। इससे पूर्व जब भी प्राचार्य सेवानिवृत्त होते थे तो वरीय प्राध्यापक को प्रभार देकर जाते थे और सरकार उसपर मुहर लगा देती थी। लेकिन, ऐसा पहली बार हो रहा है जब प्राचार्य बनने के लिए प्राध्यापकों की बेचैनी बढ़ गई है।

13 फरवरी को पटना में दो का हो चुका है साक्षात्कार :

डॉ. हेमंत सिन्हा, डॉ. एसएन तिवारी, डॉ. नारायण सिन्हा, डॉ. डीपी सिंह एवं अन्य प्राचार्य बनने की लाइन में हैं। 13 फरवरी को पटना में प्राचार्य पद के साक्षात्कार के लिए डॉ. हेमंत सिन्हा और डॉ. एसएन तिवारी को बुलाया गया था। इन चिकित्सकों को प्राचार्य द्वारा साक्षात्कार की सूचना दी गई। 2008 में दोनों शिक्षकों को प्रोन्नति देकर प्राध्यापक बनाया गया था। सरकार की वरीयता सूची में दोनों प्राध्यापकों का स्थान क्रमश: 21वां और 22वां है। जबकि स्थानीय मेडिकल कॉलेज में वरीयता सूची में क्रमश: पहला और दूसरा इनका स्थान है। इसके अलावा डॉ. डीपी सिंह को 21 मई 2014 में प्राध्यापक बनाया गया।

प्रधान सचिव को प्राध्यापकों का आवेदन भेजा गया :

डॉ. एसएन तिवारी, डॉ. नारायण सिन्हा और डॉ. डीपी सिंह ने प्राचार्य बनने के लिए प्राचार्य डॉ. अर्जुन सिंह को आवेदन दिया। इसके बाद प्राचार्य ने आवेदन स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भेज दिया। बताया गया कि प्राचार्य बनने की होड़ में लगे प्राध्यापक मंत्री और अपने राजनैतिक रिश्तेदार से भी संपर्क बनाए हुए हैं। पटना, दरभंगा, भागलपुर और नालंदा मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इस बाबत 13 फरवरी को राज्य के मेडिकल कॉलेज से कई प्राध्यापकों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था।


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