प्री मैच्योर बच्चे का जन्म होना... कहीं देर से शादी तो इसका कारण नहीं Bhagalpur News
JLNMCH में पिछले 10 माह में 2824 बच्चों ने जन्म लिया जिनमें से 248 बच्चे प्री मैच्योर हुए। WHO 2016 के अनुसार देश में प्रतिवर्ष 30 लाख बच्चों का जन्म समय से पहले होता है।
भागलपुर [अशोक अनंत]। देर से शादी करने के कारण समय से पूर्व (प्री मैच्योर) बच्चे जन्म ले रहे हैं। जिले में ऐसे बच्चों का प्रतिशत औसतन नौ है। आश्चर्य की बात तो यह है कि पिछले तीन वर्ष के दौरान ऐसे बच्चों की संख्या में प्रत्येक वर्ष वृद्धि हो रही है।
आंकड़े बताते हैं कि जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) में पिछले 10 माह में 2824 बच्चों ने जन्म लिया, जिनमें से 248 बच्चे प्री मैच्योर हुए। हालांकि जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में बच्चों के जन्म की सूची तो स्वास्थ्य विभाग के पास है, लेकिन उन स्वास्थ्य केंद्रों में कितने प्री मैच्योर बच्चों ने जन्म लिया इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन 2016 के सर्वे के मुताबिक देश में प्रतिवर्ष 30 लाख बच्चों का जन्म समय से पहले होता है। नौ माह यानी 37-38 सप्ताह में शिशु का जन्म सुरक्षित माना जाता है, लेकिन 35 सप्ताह से पूर्व जन्म लेने वाले शिशु प्री मैच्योर कहलाते हैं।
मायागंज अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या
वर्ष संख्या प्री मैच्योर
2017 2789 189
2018 2951 199
2019 3201 248
2019 में जन्मे बच्चों का माहवार ब्योरा
अप्रैल 271 20
मई 289 25
जून 245 25
जुलाई 300 12
अगस्त 344 32
सितंबर 377 28
अक्टूबर 320 32
नवंबर 329 28
दिसंबर 319 27
वर्ष 2020
जनवरी 277 18
शादी के लिए 25 से 30 वर्ष की आयु आदर्श
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वसुंधरा लाल ने कहा कि शादी के लिए 25 से 30 वर्ष के बीच की उम्र आदर्श स्थिति है। इससे ज्यादा उम्र में शादी से शिशु और माता दोनों को परेशानी होती है। इनमें महिलाओं में खून की कमी होने से गर्भस्थ शिशु का विकास ठीक से नहीं होना, शिशुओं की प्रतिरोधक क्षमता में कमी, दिल प्रभावित होना, निमोनिया या जांडिस की संभावना आदि शामिल हैं।
ये भी हैं बच्चों के प्री मैच्योर जन्म लेने के कारण
गर्भवती महिलाओं का बीपी बढऩे से पानी कम होने लगता है। इससे समय से पूर्व प्रसव करवाया जाता है, नार्मल या सिजेरियन विधि द्वारा। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के खान-पान में कमी, रक्तस्राव होना आदि कारण शामिल हैं।