Move to Jagran APP

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना: बैंकों में भटक रहे वेंडर, भागलपुर में कई के आवेदन रिजेक्ट, जानिए... कैसे लें इसका लाभ

5 से 20 जुलाई तक केंद्र सरकार के निर्देश पर बैंकों में लगाए गए शिविर गए बेकार। 2866 वेंडरों का निगम ने किया सर्वे 217 गैर वेंडर के आवेदन को किया रिजेक्ट। 1061 आवेदन शहर के बैंकों को भेजा गया अबतक 724 ऋण ही स्वीकृति।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 07:22 AM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 07:22 AM (IST)
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना: बैंकों में भटक रहे वेंडर, भागलपुर में कई के आवेदन रिजेक्ट, जानिए... कैसे लें इसका लाभ
15 दिवसीय विशेष शिविर में 332 वेंडर हुए शामिल, लेकिन 109 लोगों को ही मिला लाभ

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिले में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना हांफ रही है। कोरोना काल में लाकडाउन से पस्त शहरी क्षेत्र के फुटकर विक्रेताओं को आर्थिक परेशानी से निजात दिलाने के लिए से 10 हजार रुपये का ऋण देने का प्रावधान किया गया है। लेकिन, एक वर्ष तक कई वेंडर बैंकों में भटकते रहे, फिर भी वे इस योजना के लाभुक नहीं बन पाए। बैंकों ने अधिकांश वेंडरों को ऋण देने से अपने हाथ पीछे खींच लिए। उनके पास फाइलों में ऋण नहीं देने के लिए तमाम कारण मौजूद हैं।

loksabha election banner

केंद्र सरकार के निर्देश पर पांच जुलाई से 20 जुलाई के बीच बैंकों को विशेष शिविर आयोजित कर वेंडरों को ऋण वितरण का निर्देश दिया है। बीते एक वर्ष में नगर निगम प्रशासन ने सर्वे कर 2866 आवेदन लिए थे। जिसमें से गैर वेंडर के 217 आवेदनों को निगम ने रद कर दिया था। शहरी क्षेत्र के करीब एक दर्जन बैंंकों को ऋण देने के लिए करीब 1061 आवेदन भेजे गए। अब तक 724 आवेदनों को ही स्वीकृति मिल सकी है।

29 जून को केंद्र सरकार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से नगर निकायों को बैंकों के शिविर तक वेंडरों को पहुंचाने के लिए नोडल अधिकारी प्रतिनियुक्त करने को कहा था। निगम ने बैंक वार अधिकारी को प्रतिनियुक्त भी किया पर यह प्रक्रिया सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह गई। नतीजा 20 जुलाई तक 332 में से 109 वेंडरों को ऋण का लाभ मिल पाया। अधिकांश वेंडरों के कागजात में कमी और खामियां निकाल कर वापस लौटा दिया। जबकि निगम की ओर से सभी जरूरी कागजात आनलाइन सर्वे में उपलब्ध करा दी गइ थी। शहरी फुटकर विक्रेता संघ के अध्यक्ष संतोष कुमार साह ने बताया कि बैंकों का रवैया वेंडरों को परेशान करने वाला है। कागजात रहने के बावजूद बैंकों ने वेंडरों को जमकर परेशान किया। अब वेंडरों का स्वनिधि योजना से मोह भंग होने लगा है।

एक वर्ष में इन बैंकों ने दिए ऋण

बैंक आफ बड़ौदा ने 81, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया ने 54, यूनियन बैंक ने 39, कैनरा बैंक ने 22, इंडियन बैंक ने 81, बैंक आफ महाराष्ट्र ने छह, उत्कर्ष फाइनांस ने 14, इंडियन ओवरसीज बैंक ने 11, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक ने पांच, यूको बैंक ने 37,एसबीआई ने 218, पीएनबी ने 55, बैंक आफ इंडिया ने 81 वेंडरों को ऋण दिए।

विशेष शिविर में शामिल हुए इन वेंडरों को नहीं मिल पाया ऋण

एसबीआइ के मिरजानहाट शाखा में 14, भीखनपुर में सात, खंजरपुर में 10, बरारी में 10, नाथनगर में 12, नयाबाजार में छह, सिटी ब्रांच में 20, तातारपुर में 47, चंपानगर शाखा में 69, यूनियन बैंक के जेएलएनएमसीएच में दो, मुख्य शाखा में नौ, भीखनपुर में पांच, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के भीखनपुर में आठ, तिलकामांझी में दो, घंटाघर में नौ, उज्जिवन में तीन, बैंक आफ बड़ौदा के खलीफाबाग शाखा में दो, सूजागंज में चार, इंडियन बैंक में नौ, मारवाड़ी कालेज में चार, टीएनबी में पांच व टीएमबीयू में छह, यूको बैंक के मोहद्दीनगर शाखा में एक, पीएनबी के बरारी शाखा में 45, महिला कालेज शाख में छह, इंडियान ओवरसीज बैंक में छह, एक्सिस बैंक में एक, बैंक आफ इंडिया को आदमपुर में एक, खलीफाबाग बैंक में दो और एचडीएफसी बैंक के विशेष शिविर में शामिल लाभुकों को ऋण से वंचित कर दिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.