Move to Jagran APP

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: नवगछिया के कई गांव नहीं जुड़े हैं पक्‍की सड़क से, बारिश के दिनों में बढ़ जाती है परेशानी

नवगछिया के कई गांव आज भी पक्‍की सड़क से नहीं जुड़ सके हैं। इसके लिए कई बार शिकायत भी की गई है। स्‍थानीय लोगों की माने तो सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है। लेकिन इस ओर...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 09 Jan 2022 11:12 AM (IST)Updated: Sun, 09 Jan 2022 11:12 AM (IST)
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: नवगछिया के कई गांव नहीं जुड़े हैं पक्‍की सड़क से, बारिश के दिनों में बढ़ जाती है परेशानी
नवगछिया के कई गांव आज भी पक्‍की सड़क से नहीं जुड़ सके हैं।

संवाद सहयोगी, नवगछिया। नवगछिया के राजेंद्र कालोनी से कोरचक्का जाने वाली सड़क जर्जर हो गई है। आठ वर्ष में एक बार भी न तो विभाग और न ही किसी अधिकारी ने इसपर ध्यान दिया। लिहाजा अब उस मार्ग से पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।

loksabha election banner

-राजेंद्र कालोनी से कोरचक्का जाने वाली सड़क हुई जर्जर, पैदल चलना हुआ दुश्वार

- दर्जनों गांवों के लोगों को नवगछिया मुख्य बाजार आने-जाने में हो रही है दिक्कत

- आठ वर्ष बीत गए पर न विभाग और न अधिकारी ने दिया ध्यान

- 176.93 लाख रुपए अंकित है इस सड़क के निर्माण की प्राक्कलित राशि

2013 में जारी किया गया था टेंडर

विभाग के अनुसार राजेंद्र कालोनी की रेलवे गुमटी से कोरचक्का तक चार किलोमीटर सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत होना था। ग्रामीण कार्य विभाग ने इस सड़क को बनाने के लिए वर्ष 2013 में मधेपुरा की कंपनी को टेंडर दिया था। कंपनी ने सड़क निर्माण शुरू तो किया पर आधे में ही काम छोड़कर संवेदक फरार हो गया। ऐसे में यहां के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

कई गांवों को जोड़ती है सड़क

यह सड़क सिमरा, कोरचक्का, उजानी सहित आधा दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ती है। इन गांवों के लोगों का नवगछिया मुख्य बाजार आने का यही मुख्य रास्ता है। सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने आवेदन भी दिया मगर कोई सुनवाई नहीं हुई।

ग्रामीण मनीष कुमार, दिनकर झा, राजीव कुमार, छोटू कुमार ने बताया कि सड़क की स्थिति बहुत ही खराब हो चुकी है। सबसे अधिक परेशानी गंभीर रूप से बीमार मरीजों और गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने में होती है। यदि सड़क का निर्माण हो जाए तो बड़ी आबादी को राहत मिलेगी।

सड़क निर्माण के लिए डीपीआर पटना भेजी गई थी। मगर विभाग ने नए रेट पर दोबारा डीपीआर मांग लिया। जल्द ही भेजा जाएगा। - अनिल कुमार, सहायक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.