गांजा-भांग की खेती पर दियारा में ढाई घंटे पुलिस ने की छापेमारी Bhagalpur News
दियारा इलाकों में पुलिस की गतिविधि काफी कम होती है। यह इलाका माफियाओं द्वारा तस्करी के लिए सेफ जोन है। तस्करों द्वारा कुछ किसानों से जबरन फसल की आड़ में इसकी खेती कराते हैं।
भागलपुर [जेएनएन]। नाथनगर के दियारा इलाके में गांजा और भांग की खेती होने की सूचना पर पुलिस हरकत में आ गई। इस सूचना को लेकर एसएसपी आशीष भारती ने सत्यता का पता करने के लिए जोगसर और नाथनगर पुलिस की एक संयुक्त टीम गठित की। उनके निर्देश पर पुलिस ने मंगलवार को मानिक सरकार घाट व नाथनगर के शंकरपुर दियारा में करीब ढाई घंटे तक छापेमारी की। दियारा में छापेमारी करने गई पुलिस को कई एकड़ में गांजा और भांग की फसल मिली। जांच पर पता चला कि ज्यादातर फसल भांग की है। उन फसलों को नष्ट करने का आदेश दिया गया है।
दियारा स्थित कई बासा को भी खंगाला
पुलिस ने छापेमारी के दौरान दियारा में कई बासा को भी खंगाला है। पुलिस ने वहां रह रहे लोगों से पूछताछ भी की। पुलिस ने दियारा में बाइक से आ जा रहे लोगों की भी जांच की। छापेमारी टीम में नाथनगर के प्रभारी थानेदार बलराम लाल देव, जोगसर इंचार्ज विश्वबंधु कुमार सहित सीआइएटी के जवान शामिल थे। जोगसर इंचार्ज और नाथनगर के प्रभारी थानेदार ने दो टीमें बनाकर दियारा की घेराबंदी की। मानिक सरकार घाट से दियारा में कई किलोमीटर नदी किनारे तक के इलाके को खंगाल दिया। इस दौरान खेतों में लगी हुई गांजा-भांग की फसल को सूंघकर देखा। इसके अलावा नमूनों को भी एकत्र किया।
अपराधियों के लिए सेफ जोन है दियारा का इलाका
भागलपुर क्षेत्र में पडऩे वाला दियारा का इलाका अपराधियों के लिए सेफ जोन है। शहर में अपराध करने के बाद वे आसानी से दियारा को अपना ठिकाना बनाते हैं। यहीं नहीं शराब तस्करों और देशी शराब तैयार करने वाले लोगों के लिए यह इलाका सुरक्षित पनागाह है। बता दें कि पिछले साल नाथनगर और तातारपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने बिंद टोली दियारा में छापेमारी कर सैंकड़ों लीटर देशी शराब नष्ट किया था। कई किलोमीटर में लगे देशी शराब की भट्ठियों को भी ध्वस्त किया गया था।
छापेमारी की सूचना पर मचा हड़कंप
दियारा में अचानक हुई पुलिस की छापेमारी के कारण हड़कंप मच गया। कुछ लोग दूर अपना बासा छोड़कर भाग निकले। हालांकि जब उनके बासा को खंगाला गया तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस को आशंका है कि कुछ गलत तत्व होंगे। इस कारण वे लोग भाग निकले। दियारा में जगह जगह फूस का बासा बना हुआ है। कई झोपडिय़ों में कोई रहने वाला नहीं था। कुछ लोगों ने भांग की फसल के बारे में बताया कि वह अपने आप हो जाता है। एक पौधे का बीज जमीन पर गिरने से फिर दूसरा पौधा तैयार हो जाता है।