हवालात में यातना देने पर तीन पुलिस अधिकारियों को जेल
तीन पुलिस पदाधिकारियों को आत्मसमर्पण करने पर भागलपुर के सीजेएम ने जेल भेज दिया। उन पर फल व्यवसायी विश्वनाथ गुप्ता हत्याकांड में पकड़े गए आरोपी मुहम्मद रुस्तम उर्फ मीनू को कोतवाली हाजत में अमानवीय यातनाएं देने का आरोप है।
भागलपुर। तीन पुलिस पदाधिकारियों को आत्मसमर्पण करने पर सीजेएम ने जेल भेज दिया। उन पर फल व्यवसायी विश्वनाथ गुप्ता हत्याकांड में पकड़े गए आरोपी मुहम्मद रुस्तम उर्फ मीनू को कोतवाली हाजत में अमानवीय यातनाएं देने का आरोप है।
सीजेएम त्रिभुवन यादव ने कल आत्मसमर्पण करने वाले इंस्पेक्टर कुमोद कुमार, दारोगा संजय विश्वास और संतोष शर्मा की आत्मसमर्पण सह जमानत आवेदन को अस्वीकृत कर उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया।
गौरतलब है कि तीनों पुलिस अधिकारियों ने पूर्व में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल कर रखी थी, जो जिला न्यायालय से लेकर उच्च न्यायालय, पटना तक से अस्वीकृत हो चुकी थी। उच्च न्यायालय ने जमानत अर्जी अस्वीकृत करते हुए तीनों को निचली अदालत में आत्मसमर्पण कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था।
न्यायालय में आरोपियों के वकील और सरकारी वकील के बीच जोरदार बहस हुई। सुनवाई के बाद सीजेएम ने जमानत अर्जी अस्वीकृत कर दी।
जेल भेजे गए पुलिस अधिकारियों में कुमोद कुमार वर्तमान में रोहतास में इंस्पेक्टर हैं, जबकि संजय विश्वास जमुई में थानाध्यक्ष और संतोष शर्मा भागलपुर के आदमपुर थाने में थानाध्यक्ष हैं।
गौरतलब है कि मीनू ने नौ नवंबर 2012 को तीनों पुलिस अधिकारियों पर नालिसी मुकदमा दर्ज कराया था। मीनू ने इस केस की अर्जी जेल से आकर दी थी।
मीनू के आरोप
- मुझे धोखे से थाने लाया गया
- थाने में मांगे गए थे एक लाख
- जान बचाने को दिए थे 50 हजार
- 50 हजार और मांगे जा रहे थे
- गुदा में टीप डाल डाला था पेट्रोल
- मुठभेड़ में मारने की धमकी
इन्होंने कहा-
न्यायालय के फैसले का सम्मान करता हूं। मेरे विरुद्ध केस करने वाला किस चरित्र का है, सभी जानते हैं। ऐसे में पुलिस कैसे काम करेगी। मेरे खिलाफ मीनू की ओर से लगाए गए इल्जाम झूठे और साजिश के तहत हैं।
- संजय विश्वास
पुलिस ने एक हत्यारे को पकड़ा था। जेल भेजा था। मीनू के पीछे जो लोग काम कर रहे हैं उनकी साजिश थी झूठे मुकदमे कायम कराना ताकि सच से पर्दा ना उठ सके।
- कुमोद कुमार
मुझे ऊपर वाले पर पूरा विश्वास है।
- संतोष शर्मा