Acid attack : पीड़िता की हुई मल्टीपल सर्जरी, बोले चिकित्सक-लेकिन स्वस्थ कहना जल्दबाजी
19 अप्रैल 2019 को भागलपुर के अलीगंज स्थित एक महोल्ले में रहने वाली इंटर की छात्रा पर घर में घुसकर तेजाब फेंक दिया था। छात्रा का इलाज वाराणसी में चल रहा है।
भागलपुर [जेएनएन]। दरिंदगी की शिकार मासूम बच्ची की सेहत स्थिर तो है, लेकिन पूरी तरह स्वस्थ कहना जल्दबाजी होगी। सिगरा स्थित नर्सिंग होम में एसिड अटैक पीडि़ता की मल्टीपल सर्जरी की गई जो पूरी तरह सफल रही। चिकित्सकों ने डेढ़ घंटे आपरेशन कर केमिकल से झुलस चुके दोनों हाथ की डेड स्किन को अलग किया। चिकित्सकों के अनुसार पीडि़ता की सेहत में सुधार होने की संभावना जगी है लेकिन उसे पूरी तरह फिट होने का प्रमाणपत्र नहीं दिया जा सकता। केमिकल रिएक्शन के चलते एसिड से जले हिस्से में नुकसान का फीसद बढ़ जाता है। बहरहाल पीडि़ता की आंखें पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
स्वर्णकार समाज ने बढ़ाया हाथ
भागलपुर में19 अप्रैल को एसिड अटैक की शिकार युवती के परिजनों को बनारस के स्वर्णकार समाज ने हर संभव मदद का भरोसा दिया है। शनिवार को चंद्रिका नगर स्थित हास्पिटल पहुंचे स्वर्णकार संघ के सत्यनारायण सेठ और शैलेंद्र सेठ ने पीडि़ता के पिता व अन्य परिजनों से मुलाकात की। पूरे प्रकरण की जानकारी ली और उपचार के दौरान आवश्यकता पडऩे पर दो यूनिट ब्लड का भी प्रबंध किया।
आलाधिकारियों ने जाना हाल
मल्टीपल सर्जरी के बाद आलाधिकारियों ने फोन कर पीडि़ता के स्वास्थ्य की जानकारी ली। खुद डीएम सुरेन्द्र सिंह ने फोन पर चिकित्सकों से बातचीत की। इसके अलावा भागलपुर के डीएम व एसपी के फोन लगातार आते रहे।
बढ़ाई गई सुरक्षा
पीडि़ता और उसके परिवारीजनों की सुरक्षा के लिहाज से हास्पिटल में भागलपुर पुलिस के एक एएसआइ व एक कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई गई है।
तीन संदिग्धों का पुलिस को सुराग
अलीगंज में छात्रा को एसिड से नहलाने मामले में पुलिस को तीनों संदिग्ध की जानकारी नहीं हो पाई है। पुलिस तकनीकी अनुसंधान से भी उनका पता लगाने की हर संभव कोशिश कर रही है। लेकिन अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं। बता दें कि इस मामले में छात्रा के पड़ोसी प्रिंस और गंगटी के राजा यादव को पुलिस ने जेल भेजा है। दोनों का नाम छात्रा ने अपने बयान में लिया है। उन दोनों ने पूछताछ में तीन अन्य युवकों का नाम लिया था। जो घटना के दिन से ही लापता हैं। उन युवकों के घर पर पुलिस ने छापेमारी भी की थी।
पुलिस के समक्ष मुंह खोलने से बच रहे लोग
एसिड से हमला करने वालों आरोपितों के बारे में पुलिस के सामने लोग कुछ भी बताने से इंकार कर रहे हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो कुछ लोगों ने घटना के दिन काफी कुछ देखा था। लेकिन वे लोग पुलिस को शेयर नहीं करना चाहते हैं। उन्हें डर है कि आरोपित उसे भी निशाने पर नहीं ले ले। पुलिस ने इस मामले में काफी गोपनीय तरीके से भी पता करने का प्रयास किया। लेकिन कोई अपना मुंह नहीं खोल रहा। ज्यादातर लोग आधी अधूरी बात बता रहे हैं। कुछ ने आरोपितों को भागने की तक की बात दबी जुबान से कही है।
पुलिस ने की है अपील पहचान रखी जाएगी गुप्त
पुलिस ने इस मामले में लोगों से अपील की है कि आरोपितों के बारे में जानकारी देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी। इस मामले में पुलिस के वरीय अधिकारियों ने भी कहा है कि लोग खुद उनसे भी इस संबंध में संपर्क कर सकते हैं। किसी भी सूरत में उनकी पहचान उजागर नहीं होगी। कुछ लोगों ने पुलिस को कई जानकारियां दी। लेकिन सभी के बयानों में अंतर होने के बाद पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।
छात्रा ने बताया है कई लड़कों का नाम
एसिड हमले की शिकार छात्रा ने पुलिस को कई अन्य संदिग्धों के नाम भी बताए हैं। पुलिस उन नामों का सत्यापन कर रही है। छात्रा ने जिन लड़कों का नाम बताया है कि वे उसके घर के पास ही मंडराते रहते थे। शाम होते ही मैदान में गांजा और अन्य नशा करते थे। उन लोगों को प्रिंस का सहयोग प्राप्त था। इस कारण आसपास के लोग भी उन लोगों को कुछ कहने की हिम्मत नहीं करते थे।
एफएसएल से मांगी गई प्रारंभिक एनालाइसिस रिपोर्ट
एसिड हमले के बाद फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल की दूसरे दिन जांच की थी। पूरे घटनास्थल की टीम ने मैपिंग भी की थी। डीआइजी ने एफएसएल के डायरेक्टर से इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट मांगी है। ताकि पता चल सके कि घटना को किस तरह से अंजाम दिया गया था। इसके अलावा अपराधियों ने कितनी दूरी से एसिड फेंका। पुलिस इसकी फाइनल रिपोर्ट भी जल्द आए। इसके लिए मुख्यालय को अनुरोध करेगी।
दारोगा ओमप्रकाश को बनाया गया है अतिरिक्त जांचकर्ता
केस की जांच के लिए दारोगा ओमप्रकाश को अतिरिक्त जांचकर्ता बना गया है। उन्हें ही पीडि़ता का अस्पताल में ही 164 का न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराने की जिम्मेवारी दी गई है। वे ही वाराणसी के न्यायालय में पीडि़ता के बयान के लिए अनुरोध पत्र देंगे। अनुरोध स्वीकार करने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पीडि़ता का बयान कलमबद्ध किया जाएगा।
जो बयान देने से बच रहे हैं उनका बयान कराने का है निर्देश
एसआइटी को इस मामले में निर्देश दिया गया है कि जो लोग बयान के लिए बचे हैं। उनसे तत्काल बयान कराया जाएगा। बता दें कि लोग इस मामले में कुछ भी बताने से काफी परहेज कर रहे हैं। उन लोगों को इस बात का डर है कि नाम बताने के बाद वे लोग उन्हें ही टारगेट ना कर लें।
जल्दबाजी में चार्जशीट के बाद बच सकते हैं असल आरोपित
एसिड हमले के आरोपितों के विरूद्ध 15 दिनों में चार्जशीट का आदेश मुख्यालय से मिला है। लेकिन इतने कम दिनों में आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट करने में दिक्कत होगी। जेल में बंद छात्रा के पड़ोसी प्रिंस और अलीगंज गंगटी के राजा यादव के विरूद्ध साक्ष्य के रूप में पीडि़ता और उनके परिजनों का बयान है। इसके अलावा उन दोनों का कोई आपराधिक इतिहास फिलहाल नहीं है। पुलिस इसका भी पता लगा रही है। बिना सबूतों के चार्जशीट करने पर आरोपितों को लाभ मिल सकता है।